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Hindi NewsLocalMpSingrauliBribery Has To Be Paid For Getting The Registry Or Agreement Done, The Collector Assured To Get The Investigation Doneसिंगरौली17 मिनट पहलेकॉपी लिंकरजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्री या एग्रीमेंट कराना तो दूर, बिना रिश्वत यहां जानकारी तक नहीं मिलती। काम से लेकर जानकारी देने तक के बदले यहां तैनात बाबू या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अच्छी खासी रिश्वत की मांग करते हैं। लिहाजा रजिस्ट्री, एग्रीमेंट या पावर ऑफ एटार्नी के काम बिना जेब ढीली किए नहीं हो सकते। यहां दफ्तर की सीढ़ियों पर दलालों का कब्जा है। अंदर का हाल और भी बेहाल है, लोगों की जानकारी के अभाव का जमकर फायदा उठाया जाता है।बच सकते हैं स्टांप ड्यूटी सेकलेक्टर गाइड लाइन में यदि जमीन की कीमत ज्यादा हो तो आप दलालों से मशविरा लेकर बड़ी स्टांप ड्यूटी देने से बच सकते हैं। सूत्रों की मानें तो इसके लिए आपको दलालों से मिलकर रजिस्ट्री करने वाले साहब को रुपए देने होंगे। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी किसी को नहीं है, लेकिन क्रेता और विक्रेता अपने-अपने फायदे के लिए दलालों के हाथों लुटने को मजबूर हो जाते हैं।भ्रष्टाचार हो सकता है बेनकाबजी हां, यह कड़वी सच्चाई है कि रजिस्ट्री करवाने पर कमीशन देना पड़ता है। कमीशन की सेटिंग न होने तक रजिस्ट्री भी नहीं लिखी जाती है। बताया जा रहा है कि कलक्ट्रेट कार्यालय के अंदर उप पंजीयक कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बना है। जहां पर बिना रिश्वत के कोई काम नहीं होता है। जिला प्रशासन के कुछ आला अधिकारियों को भी इस गंदे खेल के बारे में सब कुछ पता है, मगर वह भी स्वार्थ के चक्कर में आंखों में पट्टी बांधकर बैठे हैं। कई बार सोशल मीडिया में रिश्वत के खेल का वीडियो वायरल हो चुका है। जिला प्रशासन के ढुलमुल रवैये से जिले में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नही होती है।इस पूरे मामले में जब जिला कलेक्टर सिंगरौली राजीव रंजन मीणा से बात की गई। उन्होंने सिर्फ जांच कराने का आश्वासन दिया है।खबरें और भी हैं…
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