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Hindi NewsLocalMpBhopalGunaSaid Forest Got The Work Done But Did Not Give Wages, How To Survive; Elders, Women And Children Lying Under The Open Skyगुना3 घंटे पहलेकलेक्टर कार्यालय के बाहर बैठे मजदूर।गुना में कलेक्ट्रेट के सामने रात के 10:30 बजे भारी ठंड में 60-70 लोग जमा हुए। इनमें बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। इन सभी लोगों की पीड़ा यह है कि फॉरेस्ट के ठेकेदार ने इनसे काम तो करवा लिया, लेकिन इनको पेमेंट नहीं दिया। ये सभी लोग शहडोल, कटनी और उमरिया जिले के हैं। काम देने के नाम पर इन्हें यहां लाया गया था। कुछ महीने काम करवाया, राशन और सब्जी का पैसा दिया, लेकिन जब मजदूरी देने की बात आई तो इन्हें दुत्कार दिया गया। 10 दिन पेमेंट का इंतजार करने के बाद इन्होंने कलेक्ट्रेट कार्यालय पर डेरा डाल लिया।मामला फॉरेस्ट की फतेहगढ़ रेंज के है। यहां गड्ढे खुदवाने के लिए मजदूरों को लाया गया था। पहले भी कई बार इन्हें यहां लाकर काम करवाया गया। तब पेमेंट कर दिया जाता। इस बार दो महीने इन सभी मजदयरों से काम करवा लिया गया, लेकिन मजदूरी नहीं दी गयी। 60-70 मजदूर प्रदेश के अन्य जिलों से आये हुए थे। इनका आरोप है कि वन विभाग के SDO अमित राठौर ने इनसे काम करवाया और पैसा नहीं दिया। हालांकि कुछ दिन पहले ही उनका तबादला हो गया है। ऐसे में नए SDO ने इन्हें मजदूरी देने से मना कर दिया।मजदूरी न मिलने से नाराज ये सभी बुधवार शाम को कलेक्टर कार्यालय पहुंच गए। यहां कलेक्टर कार्यालय और कलेक्टर बंगले की बाउंडरी से सटाकर इन्होंने अपने बिस्तर बिछा लिए। साथ मे जो कुछ खाना लाये थे, वही खाया और सो गए। कलेक्टर कार्यालय पर डेरा डालने की सूचना मिलते ही प्रशासन के तमाम अधिकारी वहां पहुंच गए। उन्होंने आश्वासन दिया कि गुरुवार सुबह इनका भुगतान करा दिया जाएगा, लेकिन यह लोग नहीं माने। प्रशासन ने इनसे कहा कि रैन बसेरा या किसी सुरक्षित जगह चलकर रह लें, उसपर भी यह लोग टस से मस नहीं हुए और वहीं रहने की जिद पर अड़े रहे।खबरें और भी हैं…
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