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Hindi NewsLocalMpCongress Will Give An Adjournment Motion For Discussion In The Assembly; Kamal Nath Said – Government Lawyer Did Not Say A Word In Courtमध्य प्रदेश5 घंटे पहलेमध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण की राजनीति के कारण उलझते दिख रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर रविवार देर शाम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भोपाल स्थित निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। इसमें राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया गया। इसके मुताबिक सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस इस मामले पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव देगी। कमलनाथ ने आरोप लगाया कि जब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई चल रही थी, तब सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के वकील एक शब्द भी नहीं बोले।खास है कि कांग्रेस की बैठक शुरू होने से कुछ घंटे पहले ही राज्यसभा सांसद व सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह को 10 करोड़ रुपए की मानहानि का नोटिस भेज दिया था। साथ ही, तन्खा ने तीन दिन में माफी मांगने की बात कही है। नोटिस प्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता शशांक शेखर ने तन्खा की ओर से भेजा है।नोटिस में कहा गया है कि इस आरोप से तन्खा की सामाजिक छवि धूमिल हुई है। बता दें कि मध्यप्रदेश में चल रहे पंचायत चुनाव में आरक्षण के रोटेशन और परिसीमन के मामले को लेकर दायर की गई याचिकाओं में विवेक तन्खा सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं।नगरीय विकास व आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने रविवार को बीजेपी के ओबीसी नेताओं की बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि मामला विवेक तन्खा कोर्ट लेकर गए। यहां विवेक तन्खा ने महाराष्ट्र का उदाहरण दिया था, उसके आधार पर फैसला आया है। तन्खा को लेकर वीडी शर्मा का भी बयान आया था।ओबीसी आरक्षण, रोटेशन प्रक्रिया के साथ हों चुनावकमलनाथ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के वकील रोटेशन लागू कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट गए थे, लेकिन जब कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण निरस्त करने का फैसला सुनाया। उस समय अपना पक्ष रखने की जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग और मध्य प्रदेश सरकार के वकीलों की थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सरकार का पक्ष नहीं रखा। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण और रोटेशन प्रक्रिया के साथ होना चाहिए। इसे लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है।सरकार समाप्त करना चाहती है OBC आरक्षणकमलनाथ ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश की सरकार जानबूझकर ओबीसी का आरक्षण समाप्त करना चाहती है, इसीलिए जानबूझकर पंचायत चुनाव की प्रक्रिया ही इस तरह बनाई गई कि उसमें कई संवैधानिक कमियां रह जाएं। उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता सिर्फ झूठ प्रचार करने में लगे हैं। भारतीय जनता पार्टी हमेशा से ओबीसी विरोधी पार्टी रही है, जबकि कांग्रेस ने ही हमेशा ओबीसी वर्ग को प्रदेश और देश में अधिकार दिए हैं।सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन लगाए सरकारकमलनाथ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अवकाश चल रहा है। ऐसे में सरकार अगर वाकई ओबीसी के आरक्षण के साथ चुनाव कराना चाहती है, तो उसे तत्काल सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन लगानी चाहिए। इस काम में कांग्रेस पार्टी सरकार का सहयोग देगी। कांग्रेस ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव चाहती है।MP पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण मामला:विवेक तन्खा ने CM, प्रदेशाध्यक्ष और मंत्री भूपेंद्र सिंह को भेजा 10 करोड़ का मानहानि नोटिसMP पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण की फांस:कांग्रेस का आरोप- सरकार के वकीलों ने कुछ नहीं बोला, BJP बोली- तन्खा ने कोर्ट में रोक लगाने कहा थाMP में रोटेशन याचिका पर SC का स्टे नहीं:एडवोकेट विवेक तन्खा बोले- सरकार ने समझदारी नहीं दिखाई, संविधान के खिलाफ कोई नहीं जा सकताखबरें और भी हैं…
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