कलेक्टर की फोटो इस्तेमाल कर ठगी का प्रयास

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– मामला प्रकाश में आते ही जांच में जुटी पुलिस
अनोखा तीर , हरदा।   सायबर ठगी के मामलों में आमजन, कर्मचारियों के साथ अब हरदा जिले के प्रशासनिक अधिकारी भी सुरक्षित नहीं है। ठगी के नित नए तरीके अपनाने वाले सायबर ठगों ने इस बार कलेक्टर सिद्धार्थ जैन का फोटो इस्तेमाल कर जिला अधिकारियों से राशि लेने का प्रयास किया है। कलेक्टर सिद्धार्थ जैन ने खुद इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि आजकल साइबर फ्रॉड बहुत बढ़ गए हैं। मेरी प्रोफाइल फोटो लगाकर व्हाट्सएप पर पैसे मांगने की शिकायत मिली है। इसकी सूचना पुलिस को दे दी है और व्हाट्सएप के माध्यम से भी सतर्क किया है। कलेक्टर ने सभी नागरिकों से अपील की है कि ऐसे किसी भी मैसेज पर विश्वास न करें और तुरंत उसे ब्लॉक कर दें। साथ ही घटना की सूचना पुलिस  साइबर सेल को करें। सूत्रों के अनुसार, इस फर्जी प्रोफाइल के जरिये दो बड़े अफसरों को संदेश भेजे गए। जिसके माध्यम से कलेक्टर के नाम पर 20 हजार रुपए देने की मांग की। मामला संदिग्ध लगने पर अफसरों ने सीधे कलेक्टर श्री जैन से संपर्क किया। तब जाकर ठगी का प्रयास उजागर हुआ। कलेक्टर ने नागरिकों को सतर्क करते हुए कहा है कि प्रशासनिक अधिकारियों के नाम से इस तरह की किसी भी धनराशि की मांग पूरी तरह फर्जी और धोखाधड़ी है। किसी भी संदिग्ध संदेश की तत्काल सूचना पुलिस साइबर सेल को दें। जिले में बढ़ती साइबर घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने भी लोगों से जागरूक रहने और किसी भी प्रकार की ऑनलाइन ठगी से बचने की अपील की है।
शिकायत – साइबर टीम जांच में जुटी
इस सायबर ठगी का खुलासा खुद कलेक्टर श्री जैन ने पुलिस को शिकायत कर किया है। हैकर वियतनाम के किसी अज्ञात नंबर +84 का इस्तेमाल कर कलेक्टर सिद्धार्थ जैन के नाम से मैसेज कर रहे हैं। यह फर्जी नंबर है, जिससे काल या मैसेज आने पर जवाब नहीं दिया जाए। तत्काल ब्लॉक करें। कलेक्टर जैन ने बताया सभी अफसरों को अलर्ट किया है। पुलिस को भी सूचना दी है। साइबर टीम जांच में जुटी है।
पुलिस ने माना – गंभीर साइबर अपराध
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस फर्जी आईडी के दुरुपयोग या किसी के साथ ठगी होने की कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है। पुलिस प्रशासन ने माना कि ये गंभीर साइबर अपराध है। इसकी जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि किसी भी अधिकारी के नाम इस तरह के मैसेज पर भरोसा न करें। संदिग्ध नंबरों को तुरंत ब्लॉक करें। वहीं इसकी सूचना पुलिस या साइबर हेल्पलाइन को दें।
ये उपाय जरूरी –
एपीके फाइल ओपन न करें।
प्रायवेट ओटीपी किसी को साझा न करें।
स्पैम लिंक पर क्लिक न करें।
मजबूूत पासवर्ड बनाएं।

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