अनोखा तीर, मसनगांव। तवा डेम से हरदा जिले के लिए 1211 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, लेकिन एलवीसी शाखा को निर्धारित 950 क्यूसेक की जगह केवल लगभग 500 क्यूसेक पानी मिल रहा है। पानी की कमी के चलते टेल क्षेत्र की नहरें सूख गई हैं और किसानों की फसलों पर संकट खड़ा हो गया है। जानकारी के अनुसार, इस वर्ष नहर देरी से छोड़ी गई थी और प्रारंभ से ही मांग कम होने के कारण जल संसाधन विभाग द्वारा कम पानी दिया जा रहा था। जिन किसानों के खेत सूखे थे, उन्होंने नहर से सिंचाई कर फसलें बोईं, जबकि जिन किसानों ने बारिश के पानी से बुआई की थी, उन्होंने अब फसलों में पहला पानी लगाना शुरू किया ही था कि नहर में पानी आना बंद हो गया। ग्राम के किसान बाजूलाल छलौत्रे ने बताया कि रवि सीजन की सभी फसलों को इस समय सिंचाई की आवश्यकता रहती है, लेकिन नहर में पानी कम होने से क्षेत्र की उप नहरों में प्रवाह बंद हो गया। इससे गेहूं, चना, मक्का, सरसों, चिया सीड्स और अश्वगंधा जैसी फसलों पर उत्पादन घटने का खतरा है। सोनतलाई और रेवापुर सब डिवीजन टेल क्षेत्र में आते हैं, इसलिए पानी की कमी का सीधा असर इन्हीं क्षेत्रों पर अधिक पड़ रहा है।
लिफ्ट सिंचाई से और बढ़ रही समस्या
सोनतलाई सब डिवीजन के गहाल हेड से रेलवे लाइन तक कई किसान लिफ्ट सिंचाई कर रहे हैं। नहर पर मोटर पंप, ट्रैक्टर पंप और जनरेटर सेट लगाए गए हैं। कुछ किसानों ने 5000 फीट तक पाइप लाइन डाल रखी है। एक साथ लिफ्ट सिंचाई होने से नहर का पानी अचानक कम हो जाता है, जिससे रेलवे लाइन के नीचे का क्षेत्र गंभीर रूप से प्रभावित होता है और वहां के किसानों को समय पर पानी नहीं मिल पाता। किसानों ने मांग की है कि नहर में पर्याप्त मात्रा में सतत पानी छोड़ा जाए ताकि फसलें सुरक्षित रह सकें।
दो दिन में बढ़ा पानी पहुंचेगा : एसडीओ
जल संसाधन विभाग के एसडीओ मौसम पोर्ते ने बताया कि पहले मांग कम होने से नहर में कम पानी छोड़ा जा रहा था। अब मांग निकलने
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