काशीबाई विद्यालय त्याग, सेवा और नारी-उत्थान का केन्द्र

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– शहर की काशीबाई कन्या शाला के 100 वर्ष पूर्ण
– शिक्षाविद् अशोक गुर्जर ने कलेक्टर को लिखा पत्र
अनोखा तीर, हरदा। शहर के खेड़ीपुरा स्थित काशीबाई कन्या शाला के 100 वर्ष पूर्ण होने पर इस संस्था की नींव रखने वाली स्वर्गीय काशीबाई के इस सहयोग को ओर अधिक प्रेरणादायी बनाने का सुझाव दिया गया है। इस बाबत श्री भुवाणा प्रांतीय गुर्जर महासभा के पूर्व महासचिव, शिक्षाविद् एवं समाजसेवी अशोक गुर्जर ने कलेक्टर सिद्वार्थ जैन को पत्र प्रेषित किया है। पत्र के माध्यम से श्री गुर्जर ने काशीबाई कन्या विद्यालय के शताब्दी वर्ष पर तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित करने की बात पर जोर दिया है, ताकि शिक्षा के प्रति उनके इस कदम को ओर अधिक प्रेरणादायी बनाया जा सके। श्री गुर्जर ने कहा कि काशीबाई कन्या शाला की विरासत एवं शिक्षा में नारी का योगदान विषय पर तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाना चाहिए। जिससे कि वर्तमान एवं आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा मिले।  दरअसल, जिला मुख्यालय स्थित खेड़ीपुरा में ऐतिहासिक काशीबाई कन्या शाला के स्थापना-वर्ष 1924 से 2024 तक पूर्ण हो चुके 100 वर्षों को चिह्नित कर उनके सहयोग को यादगार बनाने की आवश्यकता है। इसी सिलसिले में शिक्षाविद अशोक गुर्जर ने जिला कलेक्टर सिद्धार्थ जैन को एक विस्तृत सुझाव पत्र प्रेषित किया है। इस पत्र में उन्होंने काशीबाई कन्या विद्यालय की विरासत,  शिक्षा में नारी का  योगदान विषय पर प्रकाश डाला है। उन्होंनें कहा कि यह संस्था हरदा नगर की बेटियों के लिए प्रथम और प्रमुख शाला रही है। यहां से क्षेत्र की हजारों छात्राओं को शिक्षा, संस्कार एवं सामाजिक सम्मान प्रदान किया है। वर्ष 1924 में प्रदत्त नौ हजार रुपये का मूल्य वर्तमान में सोने के भाव से लगभग चार किलो तीस ग्राम सोने के बराबर आंका जाता है, जो पाँच से छह करोड़ रुपये के समतुल्य है। यह तथ्य स्वयं सिद्ध करता है कि यह विद्यालय त्याग, सेवा और नारी-उद्धार के अद्वितीय आदर्श पर स्थापित हुआ था। श्री गुर्जर ने  स्वदेशी मेला आयोजन समिति के सदस्य के नाते काशीबाई कन्या शाला का शताब्दी समारोह आगामी 24 दिसंबर से 2 जनवरी के मध्य मिडिल स्कूल ग्राउंड पर स्वदेशी मेले के मंच पर आयोजित करने की बात कही है। चूँकि इस अवधि में मंच, पांडाल, प्रकाश एवं ध्वनि व्यवस्था समेत समस्त संसाधन पहले से उपलब्ध रहते हैं। इसलिए तीन दिवसीय कार्यक्रम न्यूनतम व्यय के साथ अधिकतम गरिमा व जनसहभागिता के साथ सम्पन्न किया जा सकता है। उन्होंने लिखा है कि मेला समिति भी सामाजिक-हित में आवश्यक सहयोग प्रदान करने को तत्पर है।
छात्राओं का किया जाएं सम्मान
सुझाव पत्र में पूर्व छात्राओं के सम्मान पर विशेष बल देते हुए कहा गया है कि शिक्षा, प्रशासन, बैंकिंग, स्वास्थ्य, सामाजिक सेवा, खेल, कला, उद्यमिता और जनप्रतिनिधित्व सहित विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ प्राप्त कर चुकी छात्राओं को शताब्दी समारोह में सम्मानित किया जाए।
नारी सम्मान का उत्सव सिद्ध हो
साथ ही जिले के सभी समाजों के महिला मंडलों, महिला समूहों और पूर्व शिक्षकों को भी कार्यक्रम में शामिल करने का आग्रह किया है, ताकि यह आयोजन केवल एक शैक्षणिक समारोह नहीं बल्कि हरदा जिले की नारी-शक्ति, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक गौरव का सामूहिक उत्सव सिद्ध हो।

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