अनोखा तीर, हरदा। मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिवस हरदा विधायक डॉ. रामकिशोर दोगने ने सदन में कई महत्वपूर्ण जनहितैषी मुद्दे उठाते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने ध्यान आकर्षण सूचना के माध्यम से हरदा, भोपाल, सीहोर, खंडवा एवं बुरहानपुर जिला न्यायालयों को इंदौर उच्च न्यायालय से जोड़ने, हरदा जिले के सुल्तानपुर-बिच्छापुर में नया औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने तथा हरदा कृषि उपज मंडी घोटाले की जांच पर सरकार से सवाल किए। डॉ. दोगने ने नियम 138 (1) के तहत मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि वर्तमान में हरदा, सीहोर, भोपाल, खंडवा और बुरहानपुर के जिला न्यायालय जबलपुर उच्च न्यायालय से जुड़े हैं, जिनकी दूरी क्रमश: 358, 335, 363, 538 और 607 किलोमीटर है। इतनी लंबी दूरी के कारण लोगों को न्याय संबंधी कार्यों के लिए जबलपुर पहुँचने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इंदौर उच्च न्यायालय इन जिलों के अधिक नजदीक है—हरदा से 156, भोपाल से 185, सीहोर से 155, खंडवा से 130 और बुरहानपुर से 181 किलोमीटर—तथा इंदौर के लिए आवागमन भी सुगम है। इसलिए पांचों जिला न्यायालयों को इंदौर उच्च न्यायालय से जोड़े जाने की मांग की गई। इसके बाद विधायक ने सुल्तानपुर-बिच्छापुर में घोषित नए औद्योगिक क्षेत्र की स्थिति पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा घोषणा के बाद भी अब तक किसी प्रकार की कार्यवाही प्रारंभ नहीं की गई है, जिससे क्षेत्र में रोष व्याप्त है। उन्होंने मांग की कि क्षेत्र के विकास और रोजगार के लिए औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना शीघ्र की जाए। हरदा कृषि उपज मंडी भूमि घोटाले पर भी विधायक ने सरकार को घेरा। शिकायतकर्ता प्रदीप अहिरवार द्वारा भोपाल में दर्ज प्रकरण क्रमांक 152/2025 के संबंध में उन्होंने पूछा कि जांच में अब तक क्या कार्रवाई हुई है, वर्तमान स्थिति क्या है और दोषियों पर कार्रवाई कब तक होगी। मुख्यमंत्री ने जवाब में बताया कि शिकायत आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में सत्यापनाधीन है, जांच पूरी नहीं हुई है और प्राप्त तथ्यों के आधार पर आगे विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। डॉ. दोगने ने सदन में कहा कि मुख्यमंत्री का जवाब स्पष्ट करता है कि भाजपा सरकार भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दे रही है। इसके अतिरिक्त हरदा-मगरधा रोड पर ग्राम रहटा, कनारदा और बालागांव के पास जर्जर पुलियाओं के निर्माण की मांग भी विधायक ने याचिका के माध्यम से रखी। उन्होंने बताया कि वर्षा ऋतु में पुलिया डूब जाने से लगभग 100 ग्रामों का संपर्क टूट जाता है और लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सरकार से तीनों पुलियाओं का निर्माण शीघ्र कराने का आग्रह किया, ताकि क्षेत्रवासियों को राहत मिल सके।
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