रात साढ़े १० बजे शुरु हुई प्रसव पीड़ा, पति ने सुबह ४ बजे आशा कार्यकर्ता को दी सूचना
अनोखा तीर, हरदा। जिले के भगवानपुरा गांव में रहनी वाली एक गर्भवती महिला की मौत लापरवाही और लेट-लतीफी के कारण हो गई। महिला को बुधवार रात करीब साढ़े दस बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुई, लेकिन स्थानिय आशा कार्यकर्ता को इसकी सूचना सुबह ४ बजे दी गई। यह लेट-लतीफी और लापरवाही खुद महिला के पति ने की। यदि समय पर महिला को अस्पताल ले जाया जाता तो महिला औैर बच्चे की जान बच सकती थी। आशा कार्यकर्ता के अनुसार महिला का परिवार महिला को अस्पताल में प्रसव कराने से कतरा रहा था, यहि कारण रहा कि उनके द्वारा जब महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी तो उन्होंने इसकी सूचना दी। जानकारी के अनुसार तारा पति बलिराम कोरकू उम्र 22 वर्ष को बुधवार रात 10:30 बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुई, लेकिन उसके पति बलिराम ने आशा कार्यकर्ता को सुबह 4 बजे सूचना दी। देरी से अस्पताल पहुंचने के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिराली में महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया। अधिक खून बह जाने पर तारा को जिला अस्पताल रेफर किया गया। हालत नाजूक होने के कारण महिला को जिला अस्पताल से भोपाल रेफर कर दिया गया। लेकिन भोपाल अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में उसकी मौत हो गई।
तीन साल पहले बड़ी बेटी की हुई थी मौत
मृतका के पिता ने बताया कि तीन साल पहले उनकी बड़ी बेटी की भी प्रसव के दौरान मौत हुई थी। इतना बड़ा जिला अस्पताल होने के बाद भी गंभीर मरीज को इलाज ना करते हुए रेफर क्यों किया जाता है। क्या यहां कोई व्यवस्था नहीं है।
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