परंपरा : महाशिवरात्रि के बाद अमावस्या पर करते हैं भ्रमण
अनोखा तीर, चारुवा। गुप्तेश्वर महादेव ने परंपरानुसार पालकी में सवार होकर फाल्गुन मास की अमावस्या पर शुक्रवार शाम मेला क्षेत्र का भ्रमण किया। इस दौरान वे मंदिर से लगी बाणगंगा नदी तट भी पहुंचे। यहां महादेव की आरती के बाद भव्य आतिशाजी की गई। इसका आनंद जिले भर से आए भक्तों ने उठाया। भ्रमण के दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे। रात 9 बजे पालकी पुन: मंदिर पहुंची। यहां पुन: आरती कर प्रसादी वितरण किया गया। गुप्तेश्वर महादेव मंदिर में सालों से महाशिवरात्रि पर मेला आयोजित किया जा रहा है। शिवरात्रि के बाद आने वाली अमावस्या पर महादेव की पालकी यात्रा निकाली जाती है। शुक्रवार शाम 7 बजे महादेव सजी-धजी पालकी में सवार होकर मेला भ्रमण पर निकले। पालकी जिस भी गली से निकली, दुकानदारों ने पुष्पवर्षा कर महादेव का दर्शन-पूजन किया। पालकी यात्रा रात 8 बजे बाणगंगा नदी तट पहुंची। यहां भव्य आतिशबाजी की गई। इसके पश्चात आरती कर पालकी यात्रा ने मंदिर की ओर प्रस्थान किया। रात 9 बजे मंदिर पहुंचकर पालकी में सवार महादेव तथा गर्भग्रह में एक साथ महाआरती की गई। प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस मौके पर सर्वराकार शिवदत्त शास्त्री, मंदिर समिति अध्यक्ष पूनम पाटिल सहित सभी सदस्य, एसडीएम अशोक डेहरिया, नायब तहसीलदार देवराम निहरता, एसडीओपी राबर्ट गिरवाल, छीपाबड़ टीआई मुकेश गोंड टीम के साथ मौजूद रहे।
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