जीआईएस ने खोले मध्यप्रदेश में निवेश के द्वार: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत के संकल्प को साकार कर रहा मध्यप्रदेश

भोपाल : दुनिया आज एक ऐतिहासिक आर्थिक बदलाव के दौर से गुजर रही है और भारत इस बदलाव का केंद्र बन रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक वैश्विक औद्योगिक शक्ति के रूप में उभर रहा है। मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में इस परिवर्तन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए कृत संकल्प है। इसी संकल्प की सिद्धि की दिशा में भोपाल ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के रूप में वैश्विक उद्यमिता शक्तियों का संगम स्थल बन रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि जीआईएस-2025 आर्थिक आयोजन मात्र नहीं, अपितु विकसित भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रधानमंत्री मोदी के औद्योगिक सुधारों, आत्मनिर्भर भारत अभियान और ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस की नीति का प्रमाण है कि भारत आज दुनिया के सबसे बड़े निवेश डेस्टिनेशन में से एक है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी का स्पष्ट विजन है कि “21वीं सदी का भारत आत्मनिर्भर होगा, औद्योगिक और डिजिटल क्रांति का नेतृत्व करेगा, और रोजगार सृजन में वैश्विक शक्ति बनेगा।” इस विजन को आज मध्यप्रदेश में मूर्त रूप दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश की सरकार प्रधानमंत्री श्री मोदी के विज़न को धरातल पर क्रियान्वित करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रही है। केन्द्र और राज्य सरकार की संयुक्त पहल से औद्योगिक क्रांति की नई नींव रखी जा रही है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी के औद्योगिक सुधारों और मेक इन इंडिया पहल ने विनिर्माण को भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बना दिया है। मध्यप्रदेश इस नीति का सबसे बड़ा लाभार्थी है। अब यह भारत के नए औद्योगिक मानचित्र पर सबसे प्रमुख राज्य बन रहा है।

देश के केन्द्र में स्थित होने के कारण, मध्यप्रदेश में उद्योगों के लिए सर्वश्रेष्ठ लॉजिस्टिक्स और व्यापार मार्ग उपलब्ध हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी की गति शक्ति योजना और राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा परियोजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश को देश के नए औद्योगिक और निर्यात केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य सरकार निवेश को आकर्षित करने के लिए अभूतपूर्व प्रोत्साहन योजनाए लेकर आई है। पूँजीगत सब्सिडी, 100% स्टाम्प शुल्क माफी और तैयार औद्योगिक पार्क यहाँ के निवेश माहौल को दुनिया के सबसे प्रतिस्पर्धी औद्योगिक स्थलों में से एक बना रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत, मध्यप्रदेश में मेक इन इंडिया के तहत ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स, रक्षा विनिर्माण और टेक्सटाइल उद्योग में बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है।

ग्रीन एनर्जी और ई-मोबिलिटी में भारत की ड्राइविंग सीट पर मध्यप्रदेश

प्रधानमंत्री श्री मोदी के वर्ष 2030 तक भारत को नेट-जीरो कार्बन एमिशन की ओर ले जाने के संकल्प को मध्यप्रदेश नई ऊर्जा नीति के माध्यम से साकार कर रहा है। आज मध्यप्रदेश देश का सबसे बड़ा हरित ऊर्जा केंद्र बनने की राह पर अग्रसर है। राज्य सरकार ने 12 हजार मेगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जो उद्योगों को सस्ती, निर्बाध और ग्रीन एनर्जी प्रदान करेगा। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के -मोबिलिटी मिशन के तहत मध्यप्रदेश चार्जिंग स्टेशनों के नेटवर्क, बैटरी निर्माण और ईवी नीति के मामले में अग्रणी बन रहा है। हर प्रमुख हाईवे पर चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना से इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग आसान और व्यापक हो रहा है। ई-मोबिलिटी के मिशन मोदी के तीव्रगामी ई-व्हीकल इन्फ्रास्ट्रक्चर का स्टियरिंग पर अब मध्यप्रदेश के हाथों में है।

डिजिटल क्रांति और सेमीकंडक्टर उत्पादन में बड़ी छलांग

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने डिजिटल इंडिया और सेमीकंडक्टर उत्पादन को भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता के लिए आवश्यक बताया है। इसी को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश सेमीकंडक्टर और चिप निर्माण में नई शुरुआत कर रहा है। सेमीकंडक्टर नीति-2025 के तहत, राज्य सरकार ने 150 करोड़ रुपये का पूँजीगत अनुदान और नो-क्वेरी पोर्टल जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराई हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी के डिजिटल इंडिया मिशन के तहत, मध्यप्रदेश अब भारत का अगला सेमीकंडक्टर विनिर्माण और डिज़ाइन हब बनने की ओर अग्रसर है।

ड्रोन नीति होगी प्रभावी

ड्रोन नीति-2025 के अंतर्गत, मध्यप्रदेश ड्रोन निर्माण और एआई-आधारित लॉजिस्टिक्स प्रौद्योगिकी में निवेश को आकर्षित कर रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी की डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पहल के तहत, राज्य सरकार तकनीकी नवाचारों को गति दे रही है।

रोज़गार सृजन और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण

प्रधानमंत्री श्री मोदी का स्पष्ट संदेश है कि आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य तब पूरा होगा जब हर भारतीय को नए अवसर मिलें, हर युवा के पास रोज़गार हो और उद्योगों का विस्तार ग्रामीण भारत तक पहुँचे। मध्यप्रदेश की सरकार इसी विज़न को साकार करने में जुटी है। आगामी वर्षों में 20 लाख से अधिक नए रोज़गार के अवसर सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है। एमएसएमई क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए नए कर्मचारियों को प्रशिक्षण और वेतन सहायता दी जा रही है।

वोकल फॉर लोकल पर फोकस के साथ वैश्विक बाजार पर नजर

प्रधानमंत्री श्री मोदी का “वोकल फॉर लोकल” अभियान मध्यप्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पारंपरिक उद्योगों को नई ऊर्जा दे रहा है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नए निर्यातकों को 10 लाख रुपये तक की सहायता और 25 लाख रुपये तक की फ्रेट सब्सिडी दी जा रही है, जिससे यहाँ के उत्पाद वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकें।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट2025: भारत में नई औद्योगिक क्रांति की शुरुआत

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025, मध्यप्रदेश को वैश्विक औद्योगिक और निवेश मानचित्र पर सबसे आगे लाने जा रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के औद्योगिक सुधारों और आत्मनिर्भर भारत अभियान से प्रेरित इस समिट का उद्देश्य वैश्विक निवेशकों को भारत के विकास गाथा का हिस्सा बनाना है। यह समिट एक ऐसा मंच बनेगी जहाँ उद्योगपतियों, नीति निर्माताओं और वैश्विक निवेशकों के बीच ऐतिहासिक समझौते और साझेदारियाँ होंगी। प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में यह एक मील का पत्थर साबित होगी।

मध्यप्रदेश में आकार ले रहा है भविष्य का निवेश डेस्टिनेशन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक आर्थिक महाशक्ति बनने की राह पर है, और मध्यप्रदेश इस अभियान का एक मज़बूत स्तंभ है। अब सवाल यह नहीं कि निवेश क्यों करें, बल्कि यह है कि कौन सबसे पहले इस ऐतिहासिक अवसर का लाभ उठाएगा। मध्यप्रदेश ने अपने दरवाज़े खोल दिए हैं, अवसर आपके सामने है। भविष्य के लेख को पढ़ सकने वाले उद्यमी मध्यप्रदेश में निवेश कर रहे हैं।

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