टिमरनी को मिली वाद्य यंत्र लाइब्रेरी, भावी कला प्रेमियों के लिए बड़ी सौगात
कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक परिवार के साथ हुए शामिल
अनोखा तीर, टिमरनी। गुरुवार 13 फरवरी की रात जैसे- जैसे गहराती जा रही थी, वैसे- वैसे संगीत की स्वर लहरियां सारे वातावरण को अपने आगोश में लेती जा रही थी। इस बीच अमीर खुसरो का सूफियाना कलाम छाप तिलक सब छीनी रे तोसे नैना मिलाय कै….। सुन श्रोता अपने आप को रोक ना सके और थिरकने लगे। कलेक्टर आदित्य सिंह सपत्नीक शामिल रहे। दरअसल, यह सब हुआ चार दिवसीय ढाई आखर लोकरंग महोत्सव के शुभारंभ के पहले दिन गुरुवार की गहराती रात को। जहां बॉलीवुड की फिल्म फेयर अवार्डी सिंगर कविता सेठ मुंबई से अपनी प्रस्तुति और कला संवाद के लिए टिमरनी आई थी। उन्होंने अपनी गायिकी को ‘छाप तिलक सब छीनी रे तोसे नैना मिलाय कै….. से चरम पर पहुंचाया। हारमोनियम पर रीतेश, तबले पर धर्मेंद्र, गिटार पर कविश और वायलिन पर यशवंत की संगत के स्वरों से घुल मिलकर कविता सेठ की आवाज़ का रंग श्रोताओं पर ऐसा चढ़ा कि वे अपने आप को रोक नहीं पाए और थिरकने लगे। कविता सेठ ने फिल्म फेयर अवार्ड मिल चुकी उनकी बंदिश ‘रंगी सारी गुलाबी चुनरिया रे…, मोहे मारे नजरिया संवरिया रे… ।
मंजिल मिस्टिक्स बैंड, नई दिल्ली ने बाँधा समां
स्थानीय कोल्हटकर गॉर्डन में शेडो संस्था एवं समस्त कलाकार और कलाप्रेमी टिमरनी- हरदा के लोकरंग महोत्सव -3 के इस आयोजन में बंधुता में समरसता घोलते हुए मंजिल मिस्टिक्स बैंड, नई दिल्ली ने अपनी प्रस्तुति में श्रोताओं को साजन आ…आ…आ…। आवारा… आवारा…, आवारा…। रामजी…, रामजी…, रामजी…, लोक संगीत के साथ कबीराना गायिकी का परिचय दिया। बैंड की रेशमा ने अलाप की तर्ज पर कबीर का दोहा सुनाकर, गायक अनुराग को प्रतिस्पर्धा में ला खड़ा किया।
टिमरनी को मिली वाद्य यंत्र लाइब्रेरी, घर ले जा संकेंगे
कला प्रेमियों के लिए वाद्य यंत्र की लाइब्रेरी शेडो संस्था की ओर से बड़ी सौगात है। रीतेश ने बताया जब वे टिमरनी आए तो उनके पास हारमोनियम नहीं था। टिमरनी की बैठकों में हारमोनियम बजाने सीखने की गरज से रात-रात भर कलाकारों की सेवा करने पर हारमोनियम बजाने को मिलता था। रितेश ने बताया की जैसे वे बहुत लंबे समय तक वाद्य बजाने के लिए संघर्ष करते रहे तभी से मन में था, कोई व्यक्ति सीखने की इच्छा रखे तो वह सीखे कैसे? उसका समाधान अब वाद्य यंत्र लाइब्रेरी के रूप में मिल गया है। लाइब्रेरी का शुल्क, सीखने वाले का भरपूर अभ्यास ही रखा गया है। लाइब्रेरी का उद्घाटन कलेक्टर आदित्य सिंह, पुलिस अधीक्षक अभिनव चौकसे, बॉलीवुड गायिका कविता सेठ ने फीता काटकर किया। वाद्य यंत्र लाइब्रेरी के लिए भी कलेक्टर ने स्थान उपलब्ध करने की बात कही।
यादगार बन गई शाम : कलेक्टर
अतिथि उद्बोधन के तौर पर कलेक्टर श्री सिंह ने कहा आज की शाम यादगार शाम बन गई। आयोजकों ने तो मुझे 16 तारीख को आमंत्रित किया था, लेकिन कविता सेठ जी और पत्नी की सलाह पर आज आना पड़ा। पुलिस अधीक्षक अभिनव चौकसे ने कहा आयोजन को लेकर जब भी रीतेश से चर्चा होती तो यही चिंता रहती कि छोटी जगह बड़ा आयोजन कैसे मैनेज होगा, लेकिन टीम वर्क ने बड़ा काम कर दिया। कविता सेठ ने कहा मैं दुआ करती हूँ यह आयोजन टिमरनी में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का हो।
कार्यक्रम को दोनों संचालकों ने बनाया नायाब
लोकरंग महोत्सव -3 की शुभारंभ शाम से ही संचालन कर रहे कुशल संचालक आशीष साकल्ले और मैथिली गायिका सुश्री प्रतिभा पाठक (बिहार) ने पूरी महफ़िल को बांधे रखा। दोनों संचालकों ने खूबसूरत जुगलबंदी से टाइमिंग के साथ संवाद अदायगी कर अपनी ओर श्रोताओं का ध्यान खींचा। श्री साकल्ले ने स्थानीय कलाकारों गायक जय पुजारी, तबला वादक दिलीप मिश्रा, धर्मेंद्र नायक, वायलिन यशवंत राव, निधि परते का परिचय कराया। लोकरंग महोत्सव के शुभारम्भ दिन में संवाद से शुरू हुआ जहां अज़ीप्रेम जी यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर अमन मदान, टिमरनी से राजेंद्र उपाध्याय, शिवानी टाले ने कला से बंधुता के कलात्मक स्थान बनाने पर संवाद किया। शाम का समापन प्रस्तुति स्थानीय कलाकार यशवंत के शहनाई वादन के रूप में रही। उन्होंने शहनाई पर राग, श्याम कल्याण की स्वर लहरियों से श्रोताओं के मन- मस्तिष्क पर अपनी वादन कला की छाप छोड़ी। तबले पर धर्मेंद्र और हारमोनियम पर रंजीत ने संगत की। लोकरंग महोत्सव अंतर्गत 14 फरवरी को मगरधा, 15 फरवरी को लछोरा और 16 फरवरी को पुन: टिमरनी में कार्यक्रम आयोजन किया जाएगा।
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