कभी पानी निकालने चलती थी रहट.., तो हो गया गांव का नाम रहटगांव

सादिक खान, रहटगांव। 100 वर्ष पूर्व से जब गांवो में बिजली नहीं थी, खेतों में सिंचाई के लिए डीजल, इंजन या विद्युत पम्प नहीं थे, तब यहां पर रहट लगाकर खेतों में सिंचाई की जाती थी तथा जानवरों को पानी पीने के लिए हौद भरी जाती थी। रहट चलाकर कुएं से पानी निकाला जाता था और लोगों के द्वारा आम बोल चाल में रहट वाला गांव से कालांतर में रहटगांव हो गया था, इसलिए इस गांव का नाम रहटगांव हो गया। रहटगांव लगभग 3  किलोमीटर के परिधी क्षेत्र में बसा हुआ है, रहटगांव वर्तमान में अर्थशहरी क्षेत्र की श्रेणी में आता है, जो अब नगर परिषद होने वाला है। इस गांव में अंग्रेजों के जमाने के पुलिस थाना मौजूद हैं, रहटगांव के कुछ दूरी से वन्य क्षेत्र लग जाता है, इसलिए यहां पर फारेस्ट आफिस भी वर्षों पुराना है, यहां पर पर्यावरण केन्द्र भी मौजूद है, जहां पर आए दिन वन विभाग के आफिसरों की ट्रेनिंग होती रहती है, इस गांव में तहसील मुख्यालय भी है तथा आईटीआई सेन्टर भी है। एकलव्य आवासीय स्कूल, कॉलेज तथा शासकीय व प्रायवेट इन्टरमिडिएट शालाएं है एवं यहां पर सरपंची में वाजपेई परिवार का एकक्षत्र राज रहा, यहां पर देश आजादी के समय से ही हाट बाजार लगता आ रहा है। जानकारी के मुताबिक रहटगांव बाजार रविवार को लगता है, अब आसपास के ग्रामों में हाट बाजार लगने से रहटगांव बाजार में काफी अंतर आया है। रहटगांव बाजार क्षेत्र पहले मंडी से जुड़ाव के कारण काफी चर्चित बाजार रहा है, लेकिन रहटगांव उपमंडी बंद होने से रहटगांव बाजार सिमट गया है, पूर्व में बाजार क्षेत्र में स्थानीय एवं बाहरी पक्की दुकाने बहुत कम थी, सिर्फ हाट बाजार के दिन ही बाजार लगता था एवं स्थानीय व्यापारी अपनी दुकाने लगाते थे। लेकिन धीरे-धीरं बाजार का विस्तार हुआ और तेज गति से पक्की दुकानों का निर्माण होने लगा, जिसमें रहटगांव के अलावा आसपास के लोगों ने भी यहां दुकान बनाकर व्यापार शुरु किया एवं यहीं पर प्लॉट लेकर निवासी बन गए, जिसके कारण यहां जनसंख्या में वृद्धि होने लगी।
समस्या : रहटगांव में बस स्टैंड पर यात्री प्रतीक्षालय नहीं बना हुआ है एवं ग्रामीणजनों को गर्मी में शीतल जल मिले इसकी कोई सुविधा नहीं है। वही आसपास के क्षेत्र के लोगों को रात्रि विश्राम के लिए रैन बसेरा नहीं है। रहटगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पीएम कक्ष नहीं बना हुआ है, खिलाड़ियों के लिए खेल मैदान की व्यवस्था नहीं है। एक-दो बड़ी समस्या है। रहटगांव में फायर ब्रिगेड नहीं है जो आसपास के 100 ग्रामों में जा सके, रहटगांव से शाम को 6 बजे के बाद कोई बस नहीं मिलती है। रहटगांव बस स्टैंड पर चौपाटी नहीं है और पार्किंग स्थल नहीं होने से रविवार को हाट बाजार के दिन अजनाल नदी पुल पर लोग बाहन खड़े करते हैं।

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