भूमि की भौतिक दशा के लिए जैविक खेती आवश्यक
अनोखा तीर, हरदा। कृषि को बचाने और आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ रखने के लिए किसानों को रासायनिक खाद दूरी बनाकर जैविक खेती करना होगा। रासायनिक खादों का उपयोग करने से शरीर की ऊर्जा और मानव का लंबा जीवन खत्म होते जा रहा है। इसलिए पारम्परिक खेती के साथ जैविक खेती के साथ गौवंश, प्रकृति की रक्षा करना जरूरी है। प्रकृति को बचाने के लिए हमें हर संभव प्रयास करना पड़ेगा, क्योंकि बिना प्रकृति के हम जीवित नहीं रह सकते यह बात शिवशक्ति गु्रप की तरफ से कृषि अधिकारी वीरसिंह मालवीय ने सोमवार को ग्राम भिलाई में आयोजित किसान सम्मेलन के दौरान किसानों को संबोधित करते हुए कही। आधुनिक युग में किसान अपनी खेती में खड़ी फसलों में कीटो को नियंत्रण करने और उत्पादन बड़ाने के लिए विभिन्न कंपनी की दवाईयां उपयोग कर रहे हैं, अगर इस पद्धति को नहीं सुधरा गया तो भविष्य में देश की आबादी के 30 प्रतिशत लोग कैंसर पीड़ित हो जाएंगे । अत: शिवशक्ति वायो गु्रप द्वारा गाँव-गाँव जाकर किसान संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें ग्राम भिलाई में एक किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्रीय अधिकारी विकास ने किसान भाईयों को बताया जो कि अपनी परम्परागत खेती से भटककर रसायनिक खाद एवं उर्वक की ओर चले गये है उसकी जानकारी देकर बताया जा रहा है कि जैविक खेती में ही किसान भाईयों का भविष्य सुरक्षित है तथा कम कीमत में जीवाणु भूमि की संरचना को सुधारते है। जैविक खाद एवं दवाईयों के प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति बढती है और किसान मित्र कीटों एवं जीवाणुओं की संख्या बढती है, जो कि भूमि के लिये अति आवश्यक है। इस आयोजन के समापन के दौरान किसानों ने कुछ रकवा जैविक खेती करने का वचन दिया है।
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