–बिजली विभाग के खिलाफ रहवासी महिलाओं ने खोला मोर्चा
-रात में डेढ़ घंटे किया चक्काजाम, दिन भर किया धरना प्रदर्शन, मांगों को लेकर अड़ी रही महिलाएं
-शाम को बिजली विभाग ने खंभे लगाकर लाइन ऊपर की
अनोखा तीर, हरदा। शहर के छिपानेर रोड स्थित रामानंद नगर और प्रज्ञानगर की महिलाओं ने हाई टेंशन लाइन से दो बच्चों के झुलसने की घटना के बाद बिजली विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सोमवार की देर रात १० बजे छिपानेर रोड पर महिलाओं के साथ अन्य लोगों ने डेढ़ घंटा चक्काजाम किया। वही मंगलवार को महिलाएं पहले कलेक्टर कार्यालय पहुची वहां से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर मुख्य बाजार स्थित घंटाघर चौक पर धरना प्रदर्शन पर बैठ गई। इस दौरान महिलाओं ने बिजली विभाग के खिलाफ नारेबाजी भी की। साथ ही अपनी मांगों को पूरा करने के लिए बिजली विभाग से लिखित में देने को लेकर अड़ी रही। उधर शाम को बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने लाइन के तार ऊपर करने के लिए खंभे लगाने का काम शुरू कर दिया। गौरतलब है कि रामानंद नगर में हाईटेंशन लाइन से दो बच्चों के झुलसने की घटना के बाद रामानंद नगर की महिलाओं ने मंगलवार को घंटाघर चौक पर धरना दिया। सोमवार शाम को पतंग उड़ाने के दौरान दो किशोर हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गए थे। दोनों बच्चों का हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। 9 वर्षीय दिव्यांश राठौर को भोपाल रेफर कर दिया गया है। जबकि, 10 वर्षीय केशव चौरे का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस घटना के बाद से स्थानीय लोगों में आक्रोश है। सोमवार शाम को उन्होंने बिजली विभाग कार्यालय का घेराव किया और छीपानेर रोड पर डेढ़ घंटे तक चक्काजाम किया। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में पहले भी करंट लगने से तीन लोगों की मौत हो चुकी है। हाई टेंशन लाइन की शिकायत कई बार बिजली विभाग को की गई लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। जिसके कारण बच्चों के साथ यह हादसा हो गया।
50-50 हजार रुपए त्वरित सहायता राशि देने की मांग
प्रदर्शनकारियों ने दोनों पीड़ित परिवारों को ५-५ लाख रुपए की सहायता राशि देने की मांग की जिसमें से 50-50 हजार रुपए की तत्काल सहायता राशि और बिजली लाइन शिफ्टिंग का लिखित आश्वासन मांगा है। मंगलवार सुबह कलेक्ट्रेट में प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता विफल रहने के बाद महिलाएं घंटाघर चौक पर धरने पर बैठ गईं। उनका कहना है कि जब तक कलेक्टर स्वयं आकर आश्वासन नहीं देते, धरना जारी रहेगा।
हम जलकर मरना नहीं चाहते
धरना प्रदर्शन पर पहुंचे एसडीएम कुमार शानु और एसडीओपी ने धरने पर बैठी महिलाओं को समझाने की कोशिश की लेकिन वह मांगों को लेकर लिखित में आश्वासन देने की बात पर अड़ी रही। जिसके बाद एसडीएम वहां से चले गए। इस दौरान जब पुलिस की गाड़ी जाने लगी तो महिलाओं ने पुलिस की गाड़ी रोकी और बोनट पर हाथ मारते हुए कहा की हम जलकर मरना नहीं चाहते, हमें प्रशासन का साथ चाहिए, हमारी मांगे पूरी करो। धरना स्थल पर पहुंचे तहसीलदार राजेंद्र पंवार ने कहा कि प्रशासन घटना को लेकर संवेदनशील है और वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में उचित मदद की जाएगी। एसपी अभिनव चौकसे और एडीएम सतीश राय सहित अन्य अधिकारियों ने भी मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
बिजली विभाग ने शुरू किया काम

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