नदी, पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती नर्मदा परिक्रमा का 23 को होगा समापन  

 

 

मिट्टी, मनुष्य और पर्यावरण कल और आज पर होगा मंथन

 -केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान होंगे शामिल

अनोखा तीर, हरदा। नदियां मानव विकास की संवाहक और नदी घाटियां हमारी सभ्यता और जीवन शैली की पोषक रही है, दुर्भाग्य से औद्योगिक क्रांति और विकास की आंधी में वे अपनी पहचान खोती जा रही है। इसी विषय पर चिंतन एवं शोध हेतु नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर नदी और पर्यावरण संरक्षण जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन सुबह 10 बजे से हंडिया में रिद्धनाथ मंदिर परिसर में होगा। साथ ही नर्मदा की वास्वतिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए हरदा से 2 जनवरी को रवाना हुई 20 सदस्यों की टीम की परिक्रमा का भी इसी दिन समापन होगा। समापन मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराजसिंह चौहान, प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग, केंद्रीय राज्यमंत्री डीडी उइके, खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, सिवनी विधायक प्रेमशंकर वर्मा, नर्मदापुरम सांसद दर्शनसिंह चौधरी, राज्यसभा सांसद माया नरोलिया, खातेगांव विधायक आशीष शर्मा, हरदा विधायक आरके दोगने, बुदनी विधायक रमाकांत भार्गव, सांसद प्रतिनिधि कमल पटेल सहित अन्य बतौर अतिथि शामिल होंगे। जिला पंचायत के प्रथम अध्यक्ष और पर्यावरणविद गौरीशंकर मुकाती ने बताया कि मिट्टी, मनुष्य और पर्यावरण कल कितने स्वस्थ थे, आज कितने बीमार हैं और कल क्या स्थिति होगी, इस पर मंथन होगा। जिसमें श्रेया दत्ता, ज्ञानेश चौबे, संजय चौधरी, संजय तेनगुरिया चर्चा समन्वयक रहेंगे। उन्होंने बताया कि परंपरागत खेती के विचलन से वन और वनवासियों पर पड़ते प्रभाव विषय पर रिटायर्ड प्रमुख वन संरक्षक पीसी दुबे उदबोधन देंगे। कार्बन क्रेडिट क्या और कैसे कैसे अर्जित करें, इस पर अमित आनंद जानकारी देंगे। पारिस्थितिक तंत्र को प्रभावित करते शहर के नीचे घटते जल भंडार इस पर पर्यावरणविद अभिलाष खांडेकर का वक्तव्य होगा। अन्य वक्ता भी अपने अनुभव साझा करेंगे।

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