ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक और पुलिस की सतर्कता से बचा युवक

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युवक को 4 घंटे डिजिटल अरेस्ट कर पैसों की मांग की

अनोखा तीर, सोहागपुर। इन दिनों साइबर अरेस्ट एवं फ्रॉड की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हंै। फोन कॉल वीडियो कॉल, व्हाट्सएप लिंक के माध्यम से लोगों के साथ सायबर ठगी की जा रही है। शुक्रवार सुबह भी सोहागपुर में एक मामला सामने आया जब एक युवक साइबर अरेस्ट का शिकार हो गया। ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम बिछुआ का एक युवक भाईजी भल्लवी पिता छोटेलाल को सुबह मोबाइल पर मोबाइल नंबर 8528716824 से कॉल के माध्यम से साइबर अरेस्ट किया गया। युवक लगभग 4-5 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रहा इस दौरान उसका पूरा परिवार मानसिक परेशानी से गुजरा। युवक ने बताया उससे कहा कि वह मोबाइल में आपत्तिजनक वीडियो देखता है। इसलिए उस पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी और उसे 6 साल की जेल होगी। यदि वह इस कार्यवाही से बचना चाहता है तो वह तत्काल उनके खाते में 6 हजार रुपए ट्रांसफर करवाए और जब तक वह पैसे ट्रांसफर ना कर दे तब तक किसी अन्य व्यक्ति से बात ना करें। तब युवक ने कहा कि उसके पास तो केवल 200 रुपए ही है। परन्तु फोन कॉल करने वाले फ्रॉड ने उसे और उसके परिवार को इतना डरा दिया कि वह तत्काल साढ़े पांच हजार रुपए की व्यवस्था कर सोहागपुर के एक ग्राहक सेवा केन्द्र के संचालक विमल पटेल के पास पहुंचा और साढ़े पांच हजार रुपए फ्रॉड द्वारा दिए गए नंबर पर ट्रांसफर करने के लिए कहा। इस पर ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक विमल पटेल ने युवक को बहुत डरा हुआ देखा और चेहरा भांप गया और उससे समझाने का प्रयास किया कि वह साइबर फ्रॉड का शिकार हो रहा है। परंतु वह युवक कितना डरा हुआ था कि वह केवल पैसे ट्रांसफर करने के लिए ग्राहक सेवा संचालक के लिए कहता रहा। इसके बाद वहां खड़े अन्य लोगों द्वारा पुलिस को इस घटना सूचना दी गई। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी कंचन सिंह ठाकुर के निर्देश पर आरक्षक रोहित ठाकुर और सुनील उमरिया मौके पर पहुंचे और युवक को समझाया कि पुलिस उसके साथ है वह इस तरह से किसी को भी पैसे ट्रांसफर ना करें। आरक्षकों की समझाइस बाद युवक का डर खत्म हुआ। वहीं उपस्थित लोगों ने युवक से उक्त नंबर की शिकायत पुलिस में दर्ज करने के लिए कहा गया जिस पर वह राजी हो गया। थाना प्रभारी कंचन सिंह ठाकुर ने क्षेत्र के लोगों से अपील की है कि वह किसी भी अनजान व्यक्ति को अपने अकाउंट नंबर, ओटीपी सहित अपनी पर्सनल डिटेल शेयर ना करें। वहीं साइबर अरेस्ट का शिकार होने पर किसी भी प्रकार से डरे नहीं और पुलिस कभी भी किसी अपराधी की मोबाइल या ऑनलाइन अरेस्ट कर पैसों की मांग नहीं करती है। यदि किसी व्यक्ति के साथ ऐसी घटना होती है तो नजदीकी पुलिस थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराएं। पुलिस द्वारा संबंधित व्यक्ति की पूरी तरह से सहायता की जाएगी। कई बार फ्रॉड करने वाले पुलिस की ड्रेस पहनकर वीडियो कॉल करते हैं भोले भाले लोग डर जाते हैं और फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं। पढ़े-लिखे समझदार लोग भी डर में अपने खून पसीने की कमाई से हाथ धो रहे हैं। विमल पटेल और अन्य लोगों ने जो समझदारी दिखाई वैसा ही आसपास के लोगों को दिखाना चाहिए, जिससे कि भोले-भाले लोग ठग का शिकार ना हों।

इनका कहना है

पुलिस कभी भी डिजिटल हाउस अरेस्ट नहीं करती, डरने की जरूरत नहीं। यदि ऐसा होता है तो तत्काल नजदीक के थाने में जाना चाहिए सूचना देना चाहिए पुलिस आपके साथ है। पुलिस द्वारा किसी भी व्यक्ति को फोन या ऑनलाइन अरेस्ट नहीं किया जाता है। यदि कोई अपराधी होता है तो पुलिस स्वयं जाकर अरेस्ट करती है। सभी नागरिक ऑनलाइन ठगी करने वाले लोगों से सतर्क रहें।

– कंचन ठाकुर, थाना प्रभारी सोहागपुर।

मेरे पास एक फोन आया कि आप आपत्तिजनक वीडियो देखते हो, आपको गिरफ्तार किया जाता है। बलात्कार का केस दर्ज किया जाएगा, पैसे ट्रांसफर करो। मैं और मेरा पूरा परिवार 5 घंटे तक परेशान रहा। कियोस्क संचालक और पुलिस की मदद से मैं बच गया।

– भाईजी भल्लवी, पीड़ित युवक ग्राम बिछुआ।

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