–प्रभु श्रीराम की तपोभूमि रहा है चित्रकूट, 151 फीट ऊंची होगी राघव की प्रतिमा
-मां सीता व लक्ष्मण की भी लगेंगी प्रतिमा
अनोखा तीर, भोपाल। प्रभु श्रीराम व श्रीराम चरित मानस में अपनी आस्था व रुचि रखने वालों के लिए यह अच्छी खबर है। ये श्रद्धालु जल्द ही अब चित्रकूट में रामायण में वर्णित स्थल व पात्रों के दर्शन अब मप्र के चित्रकूट में ही कर सकेंगे। दरअसल, मप्र सरकार ने चित्रकूट के 80 एकड़ रकबे में रामायण एक्सपीरियंस पार्क बनाने का फैसला लिया है। इसमें भगवान श्रीराम की 151 फीट ऊंची प्रतिमा भी स्थापित होगी।
धार्मिक पर्यटन केंद्र भी होगा
धार्मिक ग्रंथ रामायण में श्रद्धा रखने वाले आमतौर पर इसमें वर्णित वृतांतों का काल्पनिक चित्रण ही कर सकते हैं। यह कल्पना यदि साकार स्वरूप में देखने को मिले तो इसे उनके लिए सोने पर सुहागा ही माना जाएगा। मप्र की डॉ मोहन यादव सरकार ऐसे श्रद्धालुओं के मन के इस भाव को साकार स्वरूप देने की तैयारी में है। इसके लिए करीब सौ करोड़ की लागत से चित्रकूट में एक विशाल पार्क बनाया जाएगा। जो रामायण काल को जीवंत करने वाला होगा। चित्रकूट को प्रभु श्रीराम की तपोभूमि माना जाता है। मप्र के लिए यह एक धार्मिक पर्यटन केंद्र भी है। जहां मंदाकिनी इसके प्राकृतिक व धार्मिक स्वरूप का चार चांद लगाती है।
80 एकड़ में विकसित होगा पार्क
रामायण काल को जीवंत करने वाला यह पार्क करीब 80 एकड़ में विकसित होगा। इसमें प्रभु श्रीराम की 151 फीट ऊंची प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी। शहर के किसी भी हिस्से से श्रद्धालु प्रतिमा के दर्शन कर सकेंगे। प्रभु श्रीराम के अलावा माता सीता और लक्ष्मण की विशाल प्रतिमाएं भी लगाई जाएंगी। पार्क में श्रीरामचरित मानस में वर्णित वृतांतों का भी चित्रण साकार स्वरूप में होगा। इनके अलावा यहां रामायण काल से जुड़े अन्य ऐतिहासिक स्थलों का भी विकास किया जाएगा। ये मॉडल 5डी व थ्री-डी होलोग्राम व लाइट-साउंड शो वाले होंगे। मल्टी फैसिलिटी व ट्रैफिक कमांड सेंटर, मंदाकिनी पर नया पुल व नई सड़कें भी पार्क के आकर्षण का केंद्र होंगे। श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए सर्व सुविधायुक्त पर्णकुटी यानी कॉटेज भी पार्क में बनाए जाएंगे। बताया जाता है कि इसकी डीपीआर बनाई जा चुकी है। इस पर करीब सौ करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
मोहन सरकार का सराहनीय प्रयास
मप्र सरकार प्रदेश में धार्मिक स्थलों को संवारने का सिलसिला अनवरत जारी है। इसका मुख्य उद्देश्य धार्मिक भाव बढ़ाने के साथ ही पर्यटन विकास भी है। जो सरकार का राजस्व व रोजगार बढ़ाने में सहायक है। चित्रकूट में प्रस्तावित रामायण पार्क भी इसका एक हिस्सा है। पार्क की घोषणा पूर्ववर्ती शिवराज सरकार ने की थी। इसे आगे बढ़ाने का काम प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार कर रही है। उसके यह प्रयास सराहनीय कहे जा सकते हैं।
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