–जिले में १ लाख ४ हजार ८७२ विद्यार्थी, अब तक ३४ हजार ८७२ की बनी अपार आईडी
-आधार, जन्मतिथि, नाम में त्रुटि और सर्वर डाउन बन रहा बाधा
-३४ फीसदी ही बन पाई अपार आईडी, शिक्षक और अभिभावकों को करना पड़ रही मशक्कत
-९१४ स्कूलों में से १८ ने नहीं किया काम, इनमें अधिकतर प्राइवेट स्कूल शामिल
लोकेश जाट, हरदा। जिले में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में बच्चों की अपार आईडी बनाई जा रही है। जिले के तीनों ब्लाक की बात करे तो कुल ९१४ स्कूल है जिनमें१ लाख ४ हजार ८७२ बच्चों की अपार आईडी जनरेट किया जाना है। इसमें ३४ हजार ८४२ बच्चों की अपार आईडी जनरेट हो गई है। यानी करीब ३४ फीसदी बच्चों का ही अपार आईडी बन सकी है वही अभी तक ९०९ अपार आईडी फैल्ड भी हो चुकि है। जिले की ९१४ स्कूलों में से १८ स्कूलों में अपार आईडी पर काम ही नहीं हो रहा है। जिसमें ६ हरदा ब्लॉक और १२ खिरकिया ब्लॉक की है और इनमें अधिकतर प्राइवेट स्कूल है। अपार आईडी बनाने में शिक्षकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जिसमें बच्चे का नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि और आधार में त्रुटि होने तथा सर्वर का बार-बार डाउन होना शामिल है। अपार आईडी जनरेट करने के लिए बच्चों का नाम और दाखिल- खारिज आधार व स्कूल के यू डाइस मैच नहीं हो पा रहे है। इसके चलते सैकड़ों बच्चों के आवेदन रिजेक्ट हो रहे हैं। जिससे विद्यार्थियों और अभिभावकों को त्रुटि सुधार कराने मशक्कत करनी पड़ रही है। आधार कार्ड में गलती होने पर च्वाइस सेंटरों की ओर दौड़ लगानी पड़ रही हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की माने तो ३४ फीसदी विद्यार्थियों का अपार आईडी जनरेट हो चुका है और जल्द ही ५० फीसदी का आकड़ा भी पूरा कर लिया जाएगा । करीब ढ़ाई हजार अपार आडी की रिक्वेस्ट डली हुई है। इनमें कुछ रिजेक्ट भी होगी तो भी इतने बच्चों की आईडी जल्द ही जनरेट हो जाएगी। शिक्षकों द्वारा यह कार्य तेजी से किया जा रहा है, लेकिन बच्चों के डाक्यूमेंट और यू डाइस मैच नहीं होने से आंकड़ा कम नजर आ रहा है।
विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है अपार आईडी
गौरतलब है कि सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थियों के पहचान के लिए अब अपार आईडी कार्ड जनरेट किया जा रहा है। 12 अंकों की यह अपार आईडी ही बच्चों की पहचान होगी। जो बच्चे की पूरी शिक्षा ग्रहण के दौरान काम में आएगी। इस आईडी में विद्यार्थी के सभी दस्तावेज सुरक्षित रहेंगे। यह यूनिक नंबर डिजी लॉकर के लिंक से जुड़ा रहेगा। अपार आईडी कार्ड बन जाने से छात्रों को किसी भी जगह या अन्य स्टेट व देश में किसी भी जगह जाने पर अपने ओरिजनल शैक्षणिक दस्तावेज साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं होगी। किसी भी जगह से यूनिक आईडी कार्ड से विद्यार्थी के संबंध में सभी जानकारी एक क्लिक में मिल जाएगी। अपार आईडी कार्ड डिजी लॉकर से जुड़ा रहेगा। एक बार अपार आईडी बन जाने के बाद विद्यार्थी स्कूल से लेकर कॉलेज जहां तक पढ़ाई करेगा, वही आईडी ही उसके काम आएगी।
शासन को भी होगा लाभ
इसी तरह शासन को भी इसके कई लाभ होंगे। हरेक छात्र की जानकारी सरकार के पास होगी। इससे डुप्लीकेसी पर रोक लगेगी। छात्र एक राज्य से दूसरे राज्य चला जाएगा तो वहां दाखिला लेते ही तुरंत उसकी जानकारी सामने आ जाएगी कि उक्त छात्र किसी राज्य के किसी जिले के किस स्कूल में पंजीकृत है। इससे बच्चे का नाम दो जगह नहीं दर्ज हो पाएगा। इसी दर्ज आधार पर सरकार को बच्चों के लिए योजनाएं बनाते समय भी मदद मिलेगी।
शिक्षक तो कर रहे काम, समस्याए बन रही रूकावट
हरदा विकासखंड के बीआरसी नारायन नायरे ने बताया कि अपार आईडी का कार्य शिक्षकों द्वारा किया जा रहा है और वह इस कार्य को बखूबी कर भी रहे है। इस कार्य पर सभी अधिकारियों की नजरे भी है और कार्य कर रहे शिक्षकों से लगातार इस संबंध में चर्चा भी की जा रही है, लेकिन कार्य की गति पर डाटा मीस मैच और सर्वर डाउन की समस्याओं ने रोक लगा रखी है। वही खिरकिया बीआरसी रमेश पटेल ने बताया कि जिले में सरकारी स्कूलों में तो कार्य तेजी से चल रहा है, लेकिन प्राइवेट स्कूल इसमें कम रूची दिखा रहे है। यही कारण है खिरकिया ब्लॉक में १२ प्राईवेट स्कूलों में ना के बराबर काम हुआ है। समस्या सभी को एक जैसी ही है।
आंकड़े ब्लॉक वाईज ९ जनवरी २०२४
ब्लॉक स्कूल विद्यार्थी अपार आईडी
हरदा- ३२२ ४३६१५ १६४८९
टिमरनी- २९३ ३०२३७ ८८१०
खिरकिया- २९९ ३१०२० ९५४३
कुल ९१४ १०४८७२ ३४८४२
इनका कहना है…
अपार आईडी पर लगातार कार्य जारी है अब तक ३४ फीसदी बच्चों की अपार आईडी बन चुकी है और जल्द ही ५० फीसदी का आकड़ा पार कर दिया जाएगा। बच्चों के आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र में ्रत्रुटि के कारण यू डाइस मैच नहीं होने से पेरशानी आ रही है जिसके सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे है। विभाग के द्वारा लगातार अपार आईडी के कार्य हेतु शिक्षकों से चर्चा भी की जा रही है। जिलें में ८० फीसदी तक का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। जिन बच्चों के डाम्यूमेंट में गलती है और जो अपार आईडी रिजेक्ट हो चुकी है उनकी अपार आईडी में समय लगेगा। विभाग द्वारा कार्य को जल्द पूर्ण करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे है।
डीएस रघुवंशी, डीईओ
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