अनोखा तीर, हरदा। प्रयास रोगी सहायता संस्था द्वारा आयोजित मानस पंचामृत एक विचार यज्ञ में व्याख्यान देते हुए प्रखर वक्ता पं. श्याम मनावत उज्जैन ने कहा कि हमारे आँगन की तुलसी न केवल ऑक्सीजन की सूचक है वरन हमारे आहार एवं विहार की भी सूचक होनी चाहिए। यदि घर में तुलसी जी हंै तो हमें बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है। श्री विभीषण जी कुटिया में जब हनुमान जी पहुंचे तो क्या देखा ‘नवतुलिसिका वृंद तह देखि हरष कपिरायÓश्री मनावत जी ने विभीषण जी का चरित चित्रण करते- हुए कहा कि महाराज सत्यकेतु के दो पुत्र प्रतापभानु उनका धर्मरुचि नाम का मंत्री था। शापवश नहीं प्रतापभानू रावण अरिमर्दन, कुंभकर्ण तथा धर्मसाचि विभीषण के रूप में जन्मा। विभीषण को हनुमान जी ने जगाया तो परिणाम लंका का राज्य मिला और कुंभकर्ण को रावण ने जगाया तो परिणाम कुल सहित दोनों का विनाश हो गया। जब जीवन में संत की कृपा होती है तो भगवंत का सामीप्य प्राप्त होता है। कथा के प्रारंभ में सूरज नारायण मोहता ने रामचरित मानस तथा व्यास पूजन किया। कार्यक्रम का संचालन बृजेंद्र शर्मा ने किया। समापन 9 जनवरी को होगा । समिति के प्रदीप अग्रवाल ने सभी से आग्रह किया है कि इस धार्मिक विचार याज में समय का दान दें।
Views Today: 2
Total Views: 244