छतरपुर के जंगलों से कराई जा रही लकड़ी की अवैध कटाई, बातचीत का ऑडिओ वायरल

 

गणेश पांडे, भोपाल। वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों की मिलीभगत से छतरपुर के जंगलों की अवैध कटाई का कारोबार चल रहा है। इसी से संबंधित एक ऑडियो गुरुवार की रात से वन विभाग के अफसर एवं कर्मचारियों के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस ऑडियो में छतरपुर रेंज के बसारी सर्कल के डिप्टी रेंजर रवि खरे और लकड़ी चोर के बीच बातचीत चल रही है। रवि खरे सुबह से पहले कटाई करवाने की बात कर रहें हैं। ऑडियो की पुष्टि करते हुए छतरपुर एसडीओ स्वामी कार्तिक नायक ने बताया कि डिप्टी रेंजर रवि खरे के खिलाफ सख्त एक्शन लेने जा रहे हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि छतरपुर वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार का इलाका है। राज्य मंत्री के गृह क्षेत्र में करीब 12000 हैकटेयर से अधिक वन भूमि पर अवैध खेती हो रही है। इसके अलावा अवैध कटाई का कारोबार भी चल रहा है। गुरुवार की रात अवैध कटाई करने वाले कारोबारी और छतरपुर रेंज के डिप्टी रेंजर रवि खरे के बीच हुई बातचीत का ऑडियो वायरल हो रहा है। छतरपुर में रह चुके आईएफएस अधिकारी बताते हैं कि डिप्टी रेंजर रवि खरे का ट्रैक रिकॉर्ड अत्यंत ही खराब है। यह बात अलग है कि पूर्व में डीएफओ रहे अनुराग कुमार ने उन्हें उड़न दस्ता का प्रभारी बना रखा था।

ऑडियो-वीडियो वायरल होने का सिलसिला जारी

जंगल महकमे में लंबे समय से ऑडियो-वीडियो वायरल हो रहे हैं। इन्हीं के जरिए ही वन विभाग के प्रबंधन और प्रोटेक्शन की पोल खुलती आ रही है। ऑडियो-वीडियो वायरल होने के बाद कार्रवाई तो होती है किंतु बाद में उन्हीं किरदारों को प्राइम पोस्टिंग दे दी जाती है। मसलन, पिछले दिनों राज्य वन सेवा के सबसे सीनियर एसडीओ एवं श्योपुर में राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य के अधीक्षक योगेंद्र पारदे के दो वीडियो सामने आए हैं। एक में वह वनकर्मियों को चंबल नदी के घाटों से रेत उत्खनन करवाकर हर महीने लाखों रुपए कमाकर देने के निर्देश दे रहे हैं। दूसरे में वह माफिया से मिले पैसों को बांटने की बात कहते नजर आ रहे हैं। 10 लोगों का मैनेजमेंट है। सीसीएफ, डीएफओ और रेंजर सबको बंटेगा। तक काम चल सकेगा। मेरे पास डेढ़ लाख रुपए बचेगा। पारदे पूर्व में भी निलंबित हो चुके हैं। बावजूद इसके बहाली के बाद उन्हें चंबल नदी से अवैध- उत्खनन करने के लिए चंबल अभ्यारण्य का अधीक्षक बना दिया गया। दिलचस्प पहलू यह है कि अभी तक एसडीओ पारदे के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई। एसडीओ योगेंद्र ने यह साफ कर दिया है कि अवैध उत्खनन से वसूली की गई किन-किन के बीच बंटती है। इसके पहले देवास डिप्टी रेंजर की एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उसने साफ तौर पर यह बात कही थी कि रेंजर का प्रभार लेने के लिए 5 लाख तक देने पड़े। कुछ साल पहले एक पीसीसीएफ स्तर के अधिकारी का ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें अधिकारी महोदय यह कहते हुए आप मिलो तो आपके क्षेत्र में दौरा नहीं करेंगे। इन्हीं कुछ वर्षों में शहडोल में माइनिंग माफिया और एक महिला रेंजर का ऑडियो वायरल हुआ था। आज वही, महिला रेंजर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पदस्थ है और एक साल से अधिक समय से डिंडोरी में एक शासकीय आवास पर कब्जा जमाया हुआ है। एडीएम से लेकर डीएफओ तक मकान खाली नहीं कर पा रहे हैं।

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