मुख्यमंत्री डॉ. यादव साहिबजादों की शहादत गाथा कार्यक्रम में हुए शामिल

कीर्तन जत्थे द्वारा प्रस्तुत की गई साहिबजादों की शहादत गाथा
भारत भवन में हुआ कार्यक्रम

कीर्तन से हुआ शौर्य, वीरता, बलिदान और करूणा का प्रकटीकरण

मुख्यमंत्री डॉ. यादव भारत भवन में वीर बाल दिवस पर आयोजित साहिबजादों की शहादत गाथा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कीर्तन जत्थे द्वारा साहिबजादों की शहादत गाथा प्रस्तुत की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कीर्तन के माध्यम से अभिव्यक्त शौर्य, वीरता, बलिदान और करूणा की भावनाओं के संवेदनशील और प्रभावशाली प्रस्तुती की सराहना की। इस अवसर पर संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र सिंह लोधी, सांसद वी.डी. शर्मा, हितानंद शर्मा, राहुल कोठारी, सुश्री नेहा बग्गा सहित जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।

मात्र 6 और 9 वर्ष की आयु में साहिबजादों ने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए किए प्राण न्यौछावर

उल्लेखनीय है कि गुरू गोविंद सिंह जी के वीर पुत्रों के अद्वितीय बलिदान और साहस के प्रति सम्मान प्रकट करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 26 दिसम्बर वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन गुरू जी के छोटे साहिबजादे जोरावर सिंह और साहिबजादे फतेह सिंह के बलिदान को समर्पित है। दोनों ही साहिबजादों को दीवार में जीवित चुनवा दिया गया था। धर्म और मानवता की रक्षा के लिए जब उन्होंने अपने प्राण न्यौछावर किए तब साहिबजादे जोरावर सिंह की आयु मात्र 9 वर्ष और साहिबजादे फतेह सिंह की आयु सिर्फ 6 वर्ष थी।

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