मनुष्य जन्म में जाप करें, पाप नहीं : पं. नीरज महाराज

 

 

अनोखा तीर, हरदा। कलियुग में तप कम होगा इसलिए जप ज्यादा करें। भगवान ने मनुष्य योनि जाप करने के लिए ही दी है, पर जाप कम और पाप ज्यादा हो रहे हैं, यही कारण है कि प्रकृति का संतुलन बिगड़ता जा रहा है। उक्त बातें पं नीरज महाराज ने हरदा नगर में कौशल परिवार में चल रही भागवत कथा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि इस युग में आयु और समय की अल्पता, रोगों की बहुलता के कारण हम तप नहीं कर पाएंगे, इसीलिए हमारे ग्रंथो ने वेद पुराणों ने कलियुग में जप करने पर नाम जपने पर भजन करने पर जोर दिया। भगवान के नाम में तो इतनी ताकत है कि उन्होने धु्रव जैसे बालक को गादी पर ही नही अपनी गोदी में बिठा लिया। राज्य गादी पर तो मौत का डर रहता है पर परमात्मा की गोद में तो मौत भी हाथ जोड़कर खड़ी हो गई। फल सब्जी, भोजन वस्तु यहां तक कि औलाद भी बिगड़ गई पर कई जन्मो से भगवान का नाम उनका जप नही बिगड़ा। हमारे माता पिता, पूर्वज मीरा प्रहलाद, गोपी केवट शबरी यही राम और कृष्ण को भजते आ रहे और उनके पास भी ऐसा ही मन और शरीर था और हम भी उसी राम कृष्ण को भज रहे पर हम और उनमें यही अंतर था कि उन्होने जाप ज्यादा किये और हम जाप कम पाप ज्यादा कर रहे है। प्रहलाद राक्षस कुल में जन्मा पर कुल वंश परिवार स्वभाव कोई भी प्रहलाद के जाप को प्रभावित नही कर पाया। कथा में जड़भरत और राजा रहुगण का मार्मिक संवाद सुनाया। अजामिल जैसे भक्तो की कथा के साथ प्रहलाद चरित्र की कथा सुनाई। कल भगवान श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव की कथा सुनाई जाएगी।

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