–कॉन्क्लेव में 18 हजार करोड़ निवेश से 24 हजार युवाओं को मिलेगा रोजगार
अनोखा तीर, नर्मदापुरम। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा संभागीय स्तर पर जो रिजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किए जाने से नर्मदापुरम संभाग को बहुत अधिक फायदे का सौदा दिखाई दिया है। आज आयोजित इस कॉन्क्लेव में पहली बार देशी एवं विदेशी निवेशकों ने 18 हजार करोड़ के निवेश के लिए अपनी सहमति जताई है। जिसके फलस्वरूप नर्मदापुरम संभाग में लगभग 24 हजार युवाओं के रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। आयोजित इस कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई समूचे नर्मदापुरम के विकास का केंद्र बनेगा। सतपुड़ा का यह क्षेत्र आज नया इतिहास रचने जा रहा है। औद्योगिक विकास के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से नर्मदापुरम आरआईसी में अपार सफलता प्राप्त हुई है। आरआईसी से मोहासा-बाबई सौर ऊर्जा पार्क की भूमि 227 एकड़ से बढ़कर 884 एकड़ हो गई। आरआईसी में 20 औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए भूमि आवंटन-पत्र भी वितरित किये गये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई में आयोजित विद्युत एवं नवकरणीय ऊर्जा उपकरण विनिर्माण क्षेत्र में इकाइयों के भूमि-पूजन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
भूमि-पूजन समारोह में लोक निर्माण विभाग एवं नर्मदापुरम जिले के प्रभारी मंत्री राकेश सिंह, मुख्य सचिव अनुराग जैन, सांसद दर्शन सिंह चौधरी, राज्यसभा सांसद श्रीमती माया नारोलिया, विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा, विधायक सोहागपुर विजयपाल सिंह, विधायक सिवनीमालवा प्रेमशंकर वर्मा तथा प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश औद्योगिक निवेश एवं प्रोत्साहन विभाग राघवेन्द्र सिंह सहित अन्य जन-प्रतिनिधि, विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में जनसमूह उपस्थित रहा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में नया इतिहास रचने जा रहा है। इस औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित होने वाली औद्योगिक इकाइयों द्वारा लगभग 2 हजार करोड़ रूपये से अधिक का निवेश किया जा रहा है। इससे सोहागपुर, इटारसी, सिवनीमालवा, पिपरिया, पचमढ़ी के स्थानीय युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा और रोजगार के लिए होने वाला पलायन इन क्षेत्रों से रुकेगा। आरआईसी में किये जा रहे निवेश के कारण महज 2 से 3 वर्षों में ही संपूर्ण नर्मदापुरम क्षेत्र का आर्थिक परिदृश्य बदलेगा। नर्मदापुरम की कर्मशील जनता औद्योगिक विकास में सहायक बनेगी। नर्मदापुरम वन संपदा, भू-संपदा, बेहतर रोड और रेल कनेक्टिविटी जैसी सुविधाओं के साथ औद्योगिक विकास के लिए सबसे अनुकूल हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश को औद्योगिक हब बनाने और रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए उज्जैन, जबलपुर, रीवा, ग्वालियर, सागर के बाद अब 6वीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव नर्मदापुरम में हो रही हैं। औद्योगिक विकास के इन प्रयासों में नर्मदापुरम को कम समय में सबसे अधिक सफलता मिली है। निवेशकों को औद्योगिक पार्क मोहासा-बाबई की विशेषता तथा सरकार द्वारा दिए जा रहे वित्तीय अनुदान का सीधा फायदा निवेशकों को देने का हमने निर्णय लिया है। साथ ही अत्यंत कम दरों पर निवेशकों को जमीन उपलब्ध करवाई गई है।
नर्मदापुरम औद्योगिक विकास में विश्व पटल पर होगा स्थापित – प्रभारी मंत्री
जिले के प्रभारी एवं लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के अथक प्रयासों एवं दूरदर्शी सोच से नर्मदापुरम का कायाकल्प होने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने देश-विदेश का भ्रमण कर प्रदेश में औद्योगिक निवेश आकर्षित करने के साथ रोजगार सृजन करने का अभूतपूर्व काम किया हैं। नर्मदापुरम में आज हजारों करोड़ रूपये का निवेश होने जा रहा है, जिससे न केवल नर्मदापुरम के युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा बल्कि नर्मदापुरम औद्योगिक विकास के विश्व पटल पर स्थापित होगा।
इन इकाइयों को दिया गया भूमि आवंटन-पत्र
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंच से ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को 60 एकड़, लैंडस मील ग्रीन इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड को 70 एकड़, लैंडस मील ग्रीन इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड को 18 एकड़, लैंडस मील रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड को 30 एकड़, इंसोलेशन ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को 45 एकड़, प्रीमियम एनर्जी ग्लोबल एंड प्राइवेट लिमिटेड को 50 एकड़, सात्विक सोलर इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड को 50 एकड़, सनकॉइन एकड़ फोटो वॉल्टैडक्स प्राइवेट लिमिटेड को 30 एकड़, रेज ग्रीन एनर्जी मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड को 38 एकड़, एलपैक्सन सोलर लिमिटेड को 30 एकड़, वीएसएनएल ग्रीन पॉवर प्राइवेट लिमिटेड, पैरामाउंट कम्युनिकेशन लिमिटेड, टैक्सर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, ब्लू नेवा प्राइवेट लिमिटेड, जैट वेव साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, फ्रा डिगम अल्फार कैपेसिटर्स प्राइवेट लिमिटेड एवं ग्लेडन हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधियों को भूमि आवंटन-पत्र का वितरण किया गया।
बांस बदल सकता है किसानों के साथ प्रदेश की तकदीर : गौरीशंकर मुकाति
नर्मदापुरम संभाग में आयोजित रिजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में सम्मिलित होने पर्यावरण एवं किसानों की आय बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष एवं रुपई ग्रुप के एमडी गौरीशंकर मुकाति पहुंचे थे, उन्होंने कॉन्क्लेव में उपस्थित प्रशासनिक एवं निवेशकों के समक्ष अपनी कंपनी द्वारा चलाए जा रहे पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से किसानों की आय एवं बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज देश में हमें कागज और बांस की उपलब्धता के लिए चीन, बांग्लादेश, रसिया जैसे देशों पर निर्भर रहना पड़ता है और वहां से आयात करना पड़ता है। वहीं यदि जिले का किसान बांस बेचना चाहता है तो उसका बांस नहीं बिकता, यदि सरकार सागौन जैसे बांस का भी समर्थन मूल्य तय कर दे तो किसान आसानी से पर्यावरण संरक्षण के लिए खेत, मेढ़ से लेकर अपनी अनुपयोगी भूमि में लगा सकेंगे। श्री मुकाति ने कहा कि सरकार कार्बन क्रेडिट के लिए बांस रोपण हेतु 120 रुपए प्रति पौधा अनुदान देती है और वहीं किसानों को भी रोपण हेत 120 रुपए खर्च करना पड़ते हैं, यदि सरकार चाहे तो वह हमारी कंपनी रुपई से एमयू साईन कर सकती है, हमे मात्र वह 120 रुपए प्रति पौधे के हिसाब से दे, हम किसान के खेत में बांस के पौधों का रोपण करेंगे और उन पौधों का 3 साल तक संरक्षण करेंगे। 3 साल बाद किसानों को कार्बन के्रडिट के माध्यम से लगभग 50 से 60 साल तक आय प्राप्त होगी और वह उन पौधों से हर वर्ष बांस काटकर बेच भी सकेगा। रुपई के एमडी श्री मुकाति ने कहा कि सरकार चाहे तो बांस रोपण को बढ़ावा देकर और किसानों की आय के साथ ही रोजगार के नए द्वारा खोलने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए एक बढ़ा कदम उठा सकती है।
Views Today: 2
Total Views: 44