दैनिक अनोखा तीर दमोह। स्मॉल ग्रांट प्रोग्राम(SGP) के सातवें परिचालन चरण के अंतर्गत ऊर्जा और संसाधन संस्थान (TERI) के सहयोग से नेशनल सेंटर फॉर ह्यूमन सेटलमेंटस एंड एनवायरमेंट (एन.सी.एच.एस.ई) भोपाल द्वारा दमोह जिले की तेंदूखेड़ा तहसील के देवरी लीलाधर और पटलोनी गांव में “जलवायु अनुकूल पद्धतियों को अपनाकर अवक्रमित/कृषि-पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता और उत्पादकता में सुधार हेतु” परियोजना क्रियान्वित की जा रही है । इस परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण समुदाय को ऐसी प्रौद्योगिकियों और पद्धतियों को अपनाने के लिए शिक्षित और प्रोत्साहित करना है, जो प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण, बदलती जलवायु परिस्थितियों के अनुरूप कृषि पद्धतियों, पारिस्थितिकी सेवाओं में सुधार के साथ-साथ पर्यावरण के और अधिक क्षरण को रोकने और उनकी आजीविका को बढ़ाने में सहायक हों।
इसी कड़ी में दिनांक 28 नवम्बर 2024 को कृषि विज्ञान केन्द्र दमोह में परियोजना क्षेत्र के 30 से अधिक कृषकों का क्षमतावर्धन कार्यक्रम आयोजित किया गया | कृषि विज्ञान केन्द्र से वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. एम.के. अहिरवार, कृषि वैज्ञानिक डॉ राजेश द्विवेदी एवं वैज्ञानिक डॉ बी.एल.साहू द्वारा विभिन्न कृषि से संबंधित जलवायु अनुकूल पद्धतियों पर कृषकों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई जिसमें भूमि की तैयारी, मृदा स्वास्थ्य, फसल बोने की पद्धतियों जैसे संतुलित एवं उन्नत बीज, बीज अंकुरण परिक्षण, बीज उपचार, लाइन से बीज बुवाई, संतुलित उर्वरक, खाद व कीटनाशक छिड़काव, सुक्ष्म पोषक तत्व प्रबंधन, फसलों में समय से सिंचाई पद्धतियों, कीट एवं रोग नियंत्रण एवं फसलों की कटाई व बीज भंडारण, नरवाई प्रबंधन आदि जानकारियों से किसानों को अवगत कराया गया।
कृषि विभाग से जिला सहायक संचालक कृषि श्री जे.एल. प्रजापति ने विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी| उन्होंने प्रधानमंत्री मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के बारे में, संतुलित मात्रा में खाद एवं उर्वरक का उपयोग कर फसल लागत को कम किया जा सके उसके साथ ही नैनो डीएपी व नैनो यूरिया व डीएपी के स्थान पर सुपर फास्फेट एवं यूरिया को मिलाकर फसलों में उपयोग करने पर डीएपी से बेहतर परिणाम प्राप्त करने, ई-कृषि अनुदान पोर्टल पर चल रही योजनाओं जैसे स्प्रिंकलर सेट, मिनी स्प्रिंकलर सेट, ड्रीप इरिगेशन, पंप सेट(डीजल/विद्युत), हैप्पी सीडर/ सुपर सीडर, पाइप लाइन सेट आदि का ऑनलाइन पंजीयन कर कैसे लाभ लिया जाए, के बारे में विस्तार से जानकारी दी| श्री प्रजापति ने पर्यावरण प्रदुषण कम करने व मिट्टी के उपजाऊपन बनाए रखने के लिए मशीनों से पराली/ नरवाई के उचित प्रबंधन के लिए किसानों से आग्रह किया|
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