माता-पिता से माफी मांगकर फांसी पर झूला वकील

schol-ad-1

 

अनोखा तीर, बैतूल। मां-पापा मुझे माफ कर देना। आपसे बहुत प्यार करता हूं। मैं अच्छा बेटा नहीं बन पाया। भैया की बहुत याद आ रही है। मैं अपनी बीमारी से बहुत टूट गया हूं। मां-पाप आपने बहुत प्यार दिया है और भैय्यू को अपने पास रखना और किरण को कुछ नहीं बोलना। मैं जो कर रहा हूं अपनी मर्जी से कर रहा हूं। यह शब्द उस सुसाइड नोट के हैं जिसे लिखकर अधिवक्ता दिलीप यादव ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। प्राप्त जानकारी के अनुसार सदर क्षेत्र के भगत सिंह वार्ड में रहने वाले भाजपा अधिवक्ता प्रकोष्ठ के जिला संयोजक दिलीप यादव उम्र 34 वर्ष का शव बुधवार को उनके घर में फांसी पर लटका हुआ मिला। सुबह 6 बजे के करीब परिजनों ने शव को फांसी पर लटका हुआ देखा और तुरंत पड़ोसियों व पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को फांसी के फंदे से नीचे उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।

सिकलसेल एनीमिया से थे पीड़ित

अधिवक्ता दिलीप यादव के विषय में बताया गया है कि वे सिकल सेल एनीमिया की बीमारी से पीड़ित थे। इसका उल्लेख भी उनके द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट में किया गया है कि वह बीमारी को लेकर बहुत परेशान हैं। श्री यादव समाजसेवा के साथ-साथ राजनीति में भी सक्रिय थे।

बड़े भाई ने भी की थी आत्महत्या

अधिवक्ता दिलीप यादव के भाई लेखचंद यादव ने भी 2 साल पहले 18 दिसम्बर 2022 को फांसी लगाकर ही आत्महत्या की थी। लेखचंद यादव भी सक्रिय समाजसेवी थे और रक्तदान की दिशा में उनके द्वारा काफी सराहनीय कार्य किया गया था। लेखचंद यादव भी अधिवक्ता थे और भाजपा से जुड़े हुए थे।

बुझ गए परिवार के दोनों चिराग

यादव परिवार की बात करें तो इसमें सिर्फ दोनों ही पुत्र लेखचंद यादव और दिलीप यादव थे। लेखचंद यादव द्वारा पूर्व में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली गई थी। वहीं दिलीप यादव का शव परिजनों को आज सुबह फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला। दोनों भाईयों के सुसाइड कर लिए जाने से यादव परिवार के घर के दोनों चिराग बुझ गए हैं।

Views Today: 2

Total Views: 138

Leave a Reply

लेटेस्ट न्यूज़

MP Info लेटेस्ट न्यूज़

error: Content is protected !!