अनोखा तीर, हरदा। ८ माह पूर्व यूको बैंक मैनेजर एवं २ कर्मचारियों पर सिटी कोतवाली में क्रेडिट लिमिट बढ़ाने और लोन के लिए रखे गए चेक के माध्यम से २५ लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला कायम हुआ था। धोखाधड़ी के इस मामले के कायम होने से पूर्व ही एक कर्मचारी जितेंद्र राजपूत ने बैंक मेें ही अपनी जान दे दी थी। मामला कायम होने के बाद से ही यूको बैंक हरदा शाखा के मैनेजर नितिन मालवीय और कर्मचारी संतोष दुबे फरार थे। पुलिस ने संतोष दुबे को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। बैंक मैनेजर अभी तक फरार है।यह था मामलायूको बैंक में अस्थाई रूप से काम करने वाले आरोपी संतोष पिता सुनील दुबे (36) निवासी अर्जुन नगर वार्ड- 32 छीपानेर रोड ने बैंक के कस्टमर अजय सिंह तोमर निवासी एलआईजी कॉलोनी, भूपेंद्र शर्मा निवासी पाठक कॉलोनी और संदीप भिलाला निवासी ग्राम रिजगांव के साथ सिक्योरिटी चेक के नाम पर धोखाधड़ी की थी। पुलिस केस दर्ज कर आरोपी को तलाश रही थी।एक चपरासी पूर्व में कर चुका है सुसाइड, बैंक मैनेजर फरारमामले को लेकर यूको बैंक के कस्टमर अजय सिंह तोमर ने बताया कि उन्होंने अपने व्यापार के लिए यूको बैंक से 50 लाख रुपए की सीसी लिमिट बनवाई थी, जिसके लिए उन्होंने अपने खाते के 6 पीडीसी चेक दिए थे। मैनेजर ने कहा कि उन्हें फाइल में लगाना है, जिसके बाद वह चेक देकर चलते गए। कुछ दिनों बाद बैंक के चपरासी जितेंद्र राजपूत एवं संतोष दुबे ने उनके चेक से राशि अपने-अपने रिश्तेदारों के खाते में डालकर 25 लाख रुपए निकाल लिए। धोखाधड़ी के मामले का खुलासा होने पर जितेंद्र राजपूत जो कि बैंक का स्थाई चपरासी था, उसने बैंक के लॉकर रूम में जहर खा लिया था, जिला अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। वहीं, बैंक का मैनेजर रिपोर्ट दर्ज होने के बाद से ही फरार चल रहा है। इसी तरह अन्य दो ग्राहकों के साथ भी धोखाधड़ी की गई थी।