अनोखा तीर, इटारसी। रेलवे स्टेशन पर आए दिन दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के मामले में रेलवे प्रत्येक लावारिस लाश के लिए 5 हजार की राशि अंतिम संस्कार के लिए देती है। लेकिन जीआरपी द्वारा लावारिसों का परिवहन प्राइवेट कारों से कराना और कफन नहीं उड़ाना कई सवाल खड़े करता है। रेलवे की यह राशि लाश को पोस्टमार्टम हाउस ले जाने, पोस्टमार्टम के बाद शमशान घाट ले जाने और अंतिम संस्कार के लिए दी जाती है। जिसमें 5000 की राशि में अच्छे ढंग से अंतिम संस्कार हो सकता है। खासकर जब नगर पालिका नि:शुल्क कब्र खोदकर देती है। इस मामले में रेलवे की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को गंभीरता से विचार करना चाहिए और समाधान निकालना चाहिए। खासकर जब इटारसी में नगर पालिका और सिंधु सेवा सदन के दो-दो शव वाहन हैं। निजी तौर पर कार लेने का क्या अर्थ है, यह भी जांच की जानी चाहिए। यह मामला न केवल प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है, बल्कि मृतकों के प्रति सम्मान की कमी को भी उजागर करता है। ऐसे में जरूरी है कि रेलवे प्रशासन और संबंधित अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लें और समाधान निकालें।