भौरासा में हुआ पटाखों से अनोखा युद्ध, दोस्त भी बना दुश्मन

वर्षों से चली आ रही है हिंगोट युद्ध की परंपरा-युवा रोड पर भीड़ में फेंकते है बम-पटाखे

अनोखा तीर, भौरासा। नगर में देपालपुर तहसील के गौतमपुरा में हिंगोट युद्ध की तर्ज पर भौरासा नगर में भी ऐसा ही युद्ध दीपावली के दूसरे दिन पड़वा पर देखा जाता है। इस दिन यहां पूरे नगर में व्यापारी अपनी दुकान बंद रखते हैं और सुबह 11 बजे से ही पूरे नगर में सन्नाटा छा जाता है और पूरे नगर में कर्फ्यू जैसा माहौल नजर आता है। ये माहौल देर रात तक रहता है। हर चौक-चौराहे पर पुलिस खड़ी रहती है। इस दौरान युवा अपनी जेबों में पटाखे रखकर रोड़ पर घूमते नजर आते हैं और जहां कहीं पर भी भीड़ नजर आती है वह चुपचाप पटाखे वहां मौजूद भीड़ पर फेंक देते हंै। खास बात ये है कि दीवाली के पड़वा के दिन बाजार में चाहे युवा हो या बुजुर्ग बम फेंकने के दौरान किसी को कोई कुछ नही कहता ओर बल्कि इस दृश्य का आनंद लेते है और बाजार में इस दृश्य को देखने उत्साही होकर बाजार में निकलते है। वही फिर गोवर्धन पूजा के पश्चात गोवंश सजाकर के जुलूस के माध्यम से पूरे नगर में घुमाया जाता है। इसमें खास यहां भी होता है कि गोवंश बिना डर के सीधे हो रही भयंकर आतिशबाजी के बीच चलते रहते है और इस जुलूस के आगे-आगे नगर के युवक पटाखों से युद्ध लड़ते हुए नजर आते हैं। यह माहौल किसी नए व्यक्ति के लिए भयभीत करने वाला भी हो सकता है। परंतु यहां के लोगों के लिए यह एक मनोरंजन की बात है। भौरासा नगर में वर्षों पुरानी परंपरा के तहत पड़वा के दिन एक दूसरे के ऊपर जुलूस के दौरान पटाके फेंकने का रिवाज बना हुआ है। जो कि अब काफी विशाल रूप ले चुका है। नगर के अधिकतर युवा इस जुलूस में पहुंचकर पटाखों से युद्ध लड़ते हैं। जिसमें जुलूस के तरफ से आ रहे युवकों पर दूसरी तरफ खड़े युवक राकेट व अन्य पटाखे जला कर फेंकते हैं जिसमें कभी-कभी कोई युवक घायल भी हो जाते हैं। इस जुलूस की खास बात यह है कि इसमें दोस्त भी दोस्त का इस जुलूस के दौरान दुश्मन नजर आता है। क्योंकि सामने चाहे कोई भी हो राकेट हो या फटाके उसके ऊपर फेंका ही जाएगा। भौरासा नगर की इस परंपरा को देखने के लिए बाहर से भी कई लोग यहां पर पहुंचते हैं जो कि यहां अपने जान पहचान वाले की छतों पर जाकर इस जुलूस का आनंद लेते हैं। जुलूस के दौरान देवास के सुप्रसिद्ध भजन गायक आकाश अग्रवाल अपने साथी अभिषेक अग्रवाल के साथ इस जुलूस को देखने आए थे। इस दौरान उनका कहना है कि यहां भयभिय करने योग्य दृश्य है मुझे ये नगर की परंपरा देखने को मिली ये मेरे लिए बड़े ही सोभाग्य की बात है और मुझे बहुत आनंद आया इस परंपरागत में सभी अपनी रक्षा स्वयं बड़ी सावधानी से करते है, इस बात मुझे खुशी है।प्रशासन की रही इस बार सख्तीनगर के इस वर्षों पुरानी परंपरा को लेकर जिले के नवागत पुलिस अधीक्षक को इस परंपरा की विस्तार से जानकारी लगी तो उन्होंने इस पर थाना भौरासा संजय मिश्रा को आदेशित कर शक्ति से इस परम्परा को बंद करवाने के आदेश दिए। साथ ही अन्य थानों से पुलिस दल भेजा गया। पुलिस लाइन से थाना प्रभारी भी नगर में भेजे गए। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए साथ थाना प्रभारी संजय मिश्रा द्वारा दल बल के साथ फ्लैग मार्च भी निकाला गया। पूरे नगर पेट्रोलिंग की गई पुलिस जवान दोपहिया वाहनों से गली गली घूम रहे थे। जिसके अंतराल में शाम तक नगर की परम्परा पुलिस प्रशासन के कंट्रोल में रही। शाम 4 बजे के बाद जुलूस के माध्यम से शुरू हुई आतिशबाजी युद्ध उसके बाद पुलिस प्रशासन भी विफल रहा। जुलूस के दौरान स्वय थाना प्रभारी संजय मिश्रा पीछे-पीछे चल रहे थे

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