गुरु गोविंद सिंह द्वारा दी गई सनद को 3०० साल से सहज कर रखे हंै व्यास भटट् परिवार

नर्मदा के दक्षिण तट पर स्थित है अति प्राचीन गुरूद्वारा

बलवीर सिंह खत्री हंडिया। नर्मदा के पावन तट हंडिया के दक्षिण पर स्थित है प्राचीन गुरुद्वारा यहां सिख धर्म के 10 वे गुरु गोविंद सिंह जी के हाथों से लिखी सनद हंडिया के व्यास परिवार के वंशज बोदर (भटट्) व्यास की सेवा समर्पण भाव से प्रभावित होकर दी थी। बताया जाता है कि 17वीं शताब्दी में गुरु गोविंद सिंह जी अमृतसर से नादेड जाते समय हंडिया के गुरु द्वारे में रूके थे। यहां ब्राह्मण परिवार की सेवा और समर्पण भाव से प्रभावित होकर उन्होंने सनद हुक्म नामा बोदर भटट् को सौंपी थी। जो आज भी उनके परिवार के पास सुरक्षित रखी है। बोदर भटट् के वंशज नवीन व्यास ने बताया कि हमारे पूर्वज दो भाई आनंद भटट्, लक्ष्मण भटट् राजस्थान के भीमोरागढ से हंडिया आए थे, जो यहीं आकर बस गए तभी से व्यास परिवार पिछली 8 पीढ़ियों से रिद्धेश्वर के प्राचीन मन्दिर की सेवा में लगा है। उन्होंने बताया कि सनद की मूल प्रति आज भी मौजूद है। सनद में लिखा है कि यहां आने वाले सिख समुदाय का हर व्यक्ति इस सनद के दर्शन कर व्यास परिवार को मान सम्मान और भेंट दे। पंडित नवीन व्यास बताते हैं कि 17वीं शताब्दी से गुरु गोविंद सिंह का लिखा हुआ दस्तावेज सहज कर रखे हुए है, जो आज देश भर के सिख समुदाय के लिए आस्था और गौरवकी बात है।

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