अनोखा तीर, हरदा। पुष्य नक्षत्र पर बाजार गुलजार रहे। दिवाली से पहले आए गुरु पुष्य योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग में लोगों ने जमकर खरीदारी की। सबसे ज्यादा बाइक, स्कूटी और ट्रेक्टर की खरीदारी हुई। वहीं व्यपारियों ने शुभ महूर्त में बही खातों की खरीददारी की। हालांकि सोने-चांदी के भाव ज्यादा बढ़ जाने से ज्वेलरी दुकानों में भीड़ नहीं दिखी। पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है। धनतेरस के बाद नरक चतुर्दशी जिसे रूप चौदस या काली चौदस भी कहते हैं, फिर दीपावली, गोवर्धन पूजा और अंतिम दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। इन पांच दिनों में शुभ खरीदारी और किसी काम की नई शुरुआत करने के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। दरअसल हर वर्ष दिपावली से कुछ दिन पहले पुष्य नक्षत्र आता है। इस बार दिपावली से पहले गुरु पुष्य योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का शुभ संयोग भी बना है। इस बार पुष्य नक्षत्र में लोगों ने जमकर खरीदी की। जिसमे सबसे ज्यादा बाइक की खरीदी की गई। वही सोना चांदी में तेजी के कारण बाजार में मिलाजुला असर देखने को मिला।दोपहर ३ बजे बाद सराफा बाजार में दिखी रौनकपुष्य नक्षत्र में सोना-चांदी खरीदी का बड़ा महत्व है। जिसके चलते बाजार में काफी हलचल रहती है। हर वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष सोना और चांदी के भाव में तेजी के चलते खरीदी कम हुई। हालांकि दोपहर तीन बजे बाद सराफा बाजार में काखी भीड़ देखने को मिली। सोना-चांदी आभुषणों के विक्रेता हरिओम नंद किशोर सोनी ने बताया कि रेट हाई होने के कारण मामूली असर रहा। शुभ मर्हुत में खरीदारी करने के लिए खरीददार इंतजार करते है और शादी-ब्याह के लिए सोने तथा चांदी के आभुषण खरदते ही है। फिर भी पिछली बार की अपेक्षा ही खरीदी हुई है।टू-व्हीलर में युवाओं की पहली पसंद बनी १२५ सीसी पल्सरइस वर्ष युवओं में बाईक को लेकर पहली पसंद पल्सर १२५ सीसी रही है। बजाज गाड़ी शोरूम में ओनर का कहना है कि नवरात्रि से अभी तक जिले में लगभग ५०० से ६०० बाईक की खरीदी की हुई है। वहीं दिपावली तक यह आकड़ा २००० तक पहुंच सकता है। लोगों में बाइक में पल्सर १२५ को ज्यादा पसंद किया जा रहा है। क्यूकि यह लूक वाईस परफेक्ट है और इसका माइलेज भी दमदार है। हाई रेट पल्सर की बात करें तो २५० सीसी की पल्सर है, जिसकी कीमत लगभग १ लाख ७८ हजार के लगभग है।पिछले साल की अपेक्षा कम दिखा असरइस बार दिपावली अक्टूबर के आखरी सप्ताह में आई, जिस कारण बाजार में खरीदी कम हो रही है। नवम्बर में दिपावली आने से ज्यादा खरीदी होती है। क्योंकि नवम्बर तक क्षेत्र के सभी किसानों की फसल कट कर बिक जाती है। इस बार मौसम का असर भी देखने को मिला है। जिले अभी तक किसानों की फसल बिक्री नहीं हो पाई है, जिसका असर बाजार में देखने को मिला।
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