आकाशीय बिजली गिरने से पौराणिक शिवलिंग क्षतिग्रस्त

– नीलकंठ सहित कई स्थानों पर गिरी बिजली
शिवलिंग पर बिजली कैसे गिरी, नहीं मिले प्रमाण

– साधु संतो का कहना मंदिर के पास हुआ तेज उजाला

भैरूंदा – बुधवार को दोपहर 3 बजे के लगभग आकाशीय बिजली गिरने से नीलकंठ स्थित कौशल्या – नर्मदा संगम तट पर बने शिव मंदिर में बिजली गिरने से शिवलिंग क्षतिग्रस्त हो गया। जैसे ही इसकी सूचना ग्रामीणों व शहरवासियों को लगी तो वहां पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। शिवलिंग पर बिजली गिरने की घटना घटित होने के कोई पुख्ता प्रमाण मौके पर नहीं मिले, लेकिन ग्रामीणों का मानना हैं कि क्षेत्र में आने वाली किसी बड़ी विपदा को भगवान भोलेनाथ ने अपने ऊपर लेकर उसे टाल दिया हैं। हालांकि लोगों को इस बात का मलाल भी हैं कि बिजली गिरने से शिवलिंग क्षतिग्रस्त हो गया हैं। घटना के बाद मौके पर एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी, एसडीओपी दीपक कपूर, थाना प्रभारी घनश्याम सिंह दांगी ओर उन्होंने मंदिर पर मौजूद साधु संतो व पुजारियों से घटना की जानकारी भी ली। इस मामले में साधु संतो ने भी इसे एक बड़ा हादसा बताया हैं। इसके अतिरिक्त भैरूंदा में जेपी मार्केट स्थित मोहन रेडिमेट स्टोर्स व स्वप्र सिटी कालोनी में बिजली के खंबे पर बिजली गिरने की घटना घटित हुई हैं। हालांकि इन दोनों ही स्थानों पर कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ हैं।


पुराणों में उल्लेखित हैं नीलकंठ का शिव मंदिर
नर्मदा तट नीलकंठ पर स्थित भगवान भोले का शिवलिंग स्वंय भू है। इस शिवलिंग की गहराई कितनी हैं इसे अभी तक कोई नहीं बता पाया है। मंदिर का पुराणों में भी उल्लेख बताया गया हैं। कहा जाता हैं कि त्रेतायुग के राजा दक्ष ने भगवान शिव को अपमानित करने के लिए इस स्थान पर यज्ञ किया था। कहा जाता हैं कि भोलेनाथ ने कौशल्या संगम तट पर प्रकट होकर माता-पार्वती की इच्छा को पूरा किया था। तभी से इस स्थल का पौराणिक महत्व है। वहीं यहां पर सबसे बड़ी विशेषता यह हैं कि मंदिर पर खड़े होकर मां नर्मदा का ओम स्वरूप देखा जा सकता है। यह मंदिर उस ओम का चंद्रबिंदु कहलाता है।


प्रत्यक्षदर्शी निरंकारदास ने बताया, गर्जना के साथ हुआ तेज प्रकाश
नर्मदा परिक्रमा पर निकले घटना के प्रत्यक्षदर्शी पंचायती उदासी अखाड़ा सूरत के निरंकारदास ने बताया कि जिस समय यह घटना घटित हुई थी, मैं संगम तट पर नर्मदा स्न्नान कर रहा था। इसी बीच तेज गर्जना के साथ मंदिर के पास तेज प्रकाश दिखाई दिया जो मैंने अपने जीवन में अब तक नहीं देखा था। इसी दौरान मैं स्नान करने के बाद मंदिर आया तो देखा कि मंदिर में लगी बिजली जल चुकी थी। गर्भ ग्रह में मेरी नजर शिवलिंग पर पड़ी तो वह क्षतिग्रस्त दिखाई दिया। मंदिर के समीप ही पिछले 6 दिनों से देवी आराधना कर रहे 6 ब्राह्मणों ने भी इस बात को स्वीकारा कि तेज गर्जना के बीच ऐसा प्रकाश जिसे अभी तक नहीं देखा वह देखने को मिला। शिवलिंग खंडित होने की जानकारी हमनें तत्काल ग्रामीणों व मंदिर के पुजारी को दी।


शिवलिंग पर बिजली कैसे गिरी, नहीं मिले प्रमाण
नर्मदा तट स्थित शिव मंदिर के शिवलिंग पर बिजली कैसे गिरी इसके कोई प्रमाण मौके पर नहीं मिल सके। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ग्रामीण भी इस बात को लेकर आश्चर्यचकित है। बिजली गिरने से शिवलिंग के क्षतिग्रस्त होने की बातें कहीं गई हैं, लेकिन मंदिर का शिखर व उसका पीतल का ध्वज सुरक्षित हैं। ऐसे में बिजली ने मंदिर के अंदर कैसे प्रवेश किया यह सोचनीय प्रश्न बना हुआ हैं। हालांकि ग्रामीण इसे भगवान भोले का प्रताप ही मान रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो स्वयं भू शिवलिंग तो सुरक्षित हैं। हालांकि अनुमान यह भी लगाया जा रहा हैं कि मंदिर के शिखर पर लगा त्रिशुल और ध्वज तडि़त चालक का काम करता हैं, इसी के माध्यम से बिजली ने मंदिर के अंदर प्रवेश किया होगा।


इन स्थानों पर भी गिरी बिजली
नीलकंठ के अतिरिक्त नगर के व्यापारी केंद्र जेपी मार्केट की मोहन रेडिमेट स्टोर भी पानी की टंकी के समीप बिजली गिरने की घटना घटित हुई, जिसमें बिजली ने छत में छेद कर दिया। वहीं स्वप्र सिटी कालोनी के पीछे 33 के व्ही बड़ी लाईन में दो इंसुलेटर बिजली गिरने से क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे दो घंटे से भी अधिक समय तक बिजली सप्लाई प्रभावित रही।

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