-जंगलों में 6 दिन तक दिन रात छानी खाक, आखिरकार मासूम का दुष्कर्मी गिरफ्तार
-पकड़े जाने के डर से आरोपी ने खाया जहर, भोपाल रेफर
पुलिस की संवेदनशीलता और जज्बे की जो मिसाल आज सामने आई है, आज से पहले कभी नहीं देखी थी। 6 दिन से जिले के आठों थानों के 200 पुलिसकर्मी दिन रात जंगल-जंगल की खाक छानकर मासूम के दुष्कर्मी की तलाश कर रहे थे। न तो उन्हें अपनी भूख-प्यास की चिंता थी और न ही घर पहुंचने की चाह। उन सभी का एक ही मकसद था कि ऐसे दुष्कर्मी को पकड़ना इन सभी में ऐसी चाह पैदा करने वाले पुलिस अधीक्षक अभिनव चौकसे जो खुद न दिन देख रहे थे न रात। कीचड़ भरे रास्ते में हर एक को अपराधी का फोटो दिखाकर उसे पकड़ने की चाह थी। ऐसे पुलिस टीम के कप्तान और पुलिस टीम के जज्बे को दिल से सलाम।
अनोखा तीर, हरदा। 6 दिनों की मशक्कत के बाद आखिरकार पुलिस ने मासूम से दुष्कर्म के आरोपी को धर-दबोचा। आरोपी ने पकड़े जाने से पहले ही जहर का सेवन कर लिया था। जिसको जिला अस्पताल में प्रारंभिक उपचार के बाद भोपाल रेफर कर दिया गया। ६ दिन पहले हुई इस घटना के बाद से ही पुलिस कप्तान अभिनव चौकसे दिन-रात पुलिस बल के साथ आरोपी की तलाश में लगे हुए थे। एसपी सहित ८ थानों के करीब २०० पुलिसकर्मी गांव-गांव और जंगलों में आरोपी को बिना रुके ढूंढ रहे थे। मकसद साफ था किसी भी स्थिति में आरोपी को गिरफ्तार करना। आखिरकार पुलिस की मेहनत रंग लाई और शनिवार शाम पुलिस को उसके रहटगांव थाना क्षेत्र में होने की सूचना मिली। इसके बाद अलग-अलग टीमें रात भर सर्चिग में लगी रहीं। आरोपी नजरपुरा गांव में खेत में छिपा था। सुबह पुलिस को देखकर वह भागने लगा, लेकिन पुलिसकर्मियों ने पीछा कर पकड़ लिया। इस दौरान ग्रामीणों ने भी पुलिस की मदद की। गांव के लोगों ने खेत को चारों ओर से घेर रखा था। बताया जा रहा है कि पकड़ाने के डर से आरोपी ने सल्फास की गोली खा ली थी। जिसे जिला अस्पताल से भोपाल रेफर किया गया है।
यह था पूरा घटनाक्रम
हरदा के छीपाबड़ इलाके के एक गांव में रोज की तरह सोमवार 23 सितंबर को पिता दुकान से घर लौटे, बेटी नजर नहीं आई, तो मां से उसके बारे में पूछा। खोजबीन शुरू की। देर शाम वह नदी किनारे अचेत हालत में मिली। पहले घर फिर पुलिस की मदद से तत्काल स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन महिला डॉक्टर नहीं होने के कारण सिराली रेफर कर दिया गया। देर रात बच्ची को होश आया। पुलिस ने उससे पूछताछ की। जांच में रेप की पुष्टि हुई। बच्ची की हालत गंभीर थी, इसलिए उसे जिला अस्पताल भेज दिया गया। बच्ची से दुष्कर्म की सूचना मिलते ही सेन समाज के लोग देर रात सिराली पहुंचे। सरकारी अस्पताल के बाहर लोगों की खासी भीड़ जमा हो गई। छीपाबड़ पुलिस ने आरोपी के खिलाफ नाबालिग से रेप की धाराओं में केस दर्ज किया।
आरोपी पहले भी रेप केस में 3 साल की सजा काट चुका है
खंडवा जिले के रोशनी चौकी के ग्राम खारी टिमरनी का रहने वाला आरोपी सुनील पिता जयनारायण कोरकू आठ दिन पहले मामा के घर आया था। छीपाबड़ थाना टीआई मुकेश गौड़ के मुताबिक 23 सितंबर को करीब 8.40 को बालिका के साथ दुष्कर्म करने की सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर खोजबीन की, लेकिन तब तक आरोपी फरार हो चुका था। उन्होंने बताया कि आरोपी सुनील कोरकू ने 2021 में भी उसी गांव की एक नाबालिग से भुट्टा खिलाने के बहाने साथ ले जाकर रेप करने का प्रयास किया था। लेकिन बच्ची मौका पाकर भाग निकली थी। बच्ची की शिकायत पर खालवा थाने में आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद न्यायालय ने उसे जेल भेज दिया था। जेल में तीन साल रहने के बाद वह करीब तीन महीने पहले ही जेल से बाहर आया था।
ड्रोन कैमरे से की जंगलों में आरोपी की तलाश
हरदा में 5 साल की बच्ची से रेप का आरोपी चार दिन बाद भी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया था। पुलिस ने आरोपी के सभी ठिकानों पर छापामारा, लेकिन सफलता नहीं मिली। अब पुलिस को आशंका थी कि आरोपी जंगल में छिपा है। उसे पकड़ने के लिए भोपाल से थर्मल इमेज नाइट विजन ड्रोन कैमरा मंगाया गया। पुलिस ने गुरुवार रात सिराली के जंगलों में नाइट विजन ड्रोन से आरोपी की खोजबीन की। ये जंगल जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर है। संभवत: मध्य प्रदेश में यह पहला मामला है, जिसमें आरोपी की तलाश के लिए नाइट विजन ड्रोन कैमरे की मदद ली जा रही है। हरदा से बैतूल और खंडवा की सीमा तक 250 किमी क्षेत्र में फैले जंगल में ड्रोन के जरिए आरोपी की तलाश की जा रही थी। एसपी अभिनव चौकसे खुद भी जंगल में डेरा डाले हुए थे। आरोपी पर 10 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था।
घटना के विरोध मेें हुआ था प्रदर्शन
सेन समाज के लोगों ने जिला अस्पताल के सामने हंगामा किया था। आक्रोशित भीड़ ने सिराली में सुबह 7 से दोपहर 1 बजे तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर चक्काजाम किया। इस दौरान सिर्फ एम्बुलेंस और स्कूल वाहन निकलने दिए गए। सिराली में जाम खत्म होने के बाद करणी सेना, सेन समाज सहित अन्य संगठनों ने मसनगांव में नर्मदापुरम-खंडवा स्टेट हाईवे 2 बजे जाम कर दिया। प्रदर्शन शाम 5 बजे तक चला। लोगों की मांग थी कि आरोपी को फांसी की सजा दी जाए। वही जिला अधिवक्ता संघ ने फैसला लिया कि कोई वकील आरोपी की पैरवी नहीं करेगा।
परिजन ने की आरोपी को फांसी देने की मांग
पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार किए जाने पर पीड़ित बच्ची के परिजनों ने पुलिस को धन्यवाद दिया है। बच्ची के पिता ने कहा कि पुलिस अधिक्षक सहित पुलिस बल दिन रात आरोपी की तलाश में जुटे रहे। हम उनका धन्यवाद करते हैं। हमरी मांग है कि आरोपी को फांसी की सजा दी जाए।
दो पुलिसकर्मी सड़क दुर्घटना का शिकार
सिराली थाने में पदस्थ एएसआई भगवानदास यादव और करताना चौकी में पदस्थ हेड कांस्टेबल बब्बर धुर्वे बाइक से दुष्कर्म के आरोपी की तलाश के लिए गवासेन की तरफ गए हुए थे। उन्हें जानकारी मिली थी कि दुष्कर्म का आरोपी सुनील कोरकू को नजरपुरा के पास गिरफ्तार कर लिया गया है। लौटने के दौरान इंदौर बैतूल हाइवे पर ग्राम सिरकम्बा के पास बने टोल नाके के पास उनकी बाइक का संतुलन बिगड़ने से डिवाईडर से टकरा गई। हादसे के बाद 100 डायल से दोनों को उपचार के लिए जिला अस्पताल में एडमिट कराया गया है। एएसआई भगवानदास यादव को सिर में गंभीर चोट लगने के कारण भोपाल रेफर कर दिया गया। वहीं बब्बर धुर्वे का उपचार जिला अस्पताल में जारी है।
एसपी के काम को देख टीम का बढ़ता जोश
बच्ची के साथ हुई घटना के बाद से ही एसपी अभिनव चौकसे एक्शन में आ गए थे। पुलिस अधीक्षक खुद मैदान में उतरकर पुलिस बल के साथ काम कर रहे थे। दिन-रात बिना रूके बिना थके गांव-गांव और जंगलों में आरोपी की तलाश कर रहे थे। उनके इस जज्बे को देख पुलिस बल को नया जोश मिलता था। बताया जा रहा है कि पुलिस अधीक्षक किसी भी जवान की मोटरसाईकल पर बैठकर आरोपी को खोजने निकल जाते थे, लोगों को आरोपी का फोटो दिखाकर पूछताक्ष करने लगते थे। रात भर जंगलों में आरोपी को बल के साथ खोजते थे, उनके कार्य को देखकर अन्य पुलिस जवनों को जोश मिलता था।