जंगलों में वन माफियाओं का कहर, एक ही रात में 200 से ज्यादा पेड़ों की कटाई


उड़नदस्ता वाहन महीनों से खराब, वन विभाग बना मूकदर्शक



अनोखा तीर, सतवास। देवास जिले के कमलापुर जिनवाणी रेंज के डेहरी सब रेंज के बिट क्रमांक 754 में वन माफियाओं का आतंक बढ़ता जा रहा है। हाल ही में, एक ही रात में सड़क के दोनों किनारे 200 से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई की गई। इस घटना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है और वन विभाग की लापरवाही को लेकर सवाल उठने लगे हैं। डेहरी और जिनवाणी मार्ग पर स्थित इस जंगल में पिछले कुछ महीनों से लगातार पेड़ों की कटाई की घटनाएं सामने आ रही हैं। वन विभाग का उड़नदस्ता वाहन पिछले 4-5 महीनों से खराब पड़ा हुआ है, जिससे गश्त में भी बाधा उत्पन्न हो रही है। वन विभाग की इस निष्क्रियता का फायदा उठाकर वन माफियाओं ने सैकड़ों पेड़ों को काट डाला। जनपद सदस्य कवर सिंह देवड़ा ने वन विभाग की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा, एक ही रात में सैकड़ों पेड़ों की कटाई होना विभाग की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। अगर तुरंत कार्रवाई नहीं की गई तो वन माफिया जंगल का अस्तित्व ही खत्म कर देंगे। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि वन माफिया 40-50 की संख्या में समूह बनाकर रात के अंधेरे में जंगल में प्रवेश करते हैं और बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई करते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार इसकी शिकायत करने के बावजूद भी वन विभाग ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया है। इस तरह की लगातार कटाई से क्षेत्र का पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ रहा है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से न केवल क्षेत्र की हरियाली खत्म हो रही है, बल्कि वन्य जीवों का आवास भी नष्ट हो रहा है। यदि इस पर जल्द ही रोक नहीं लगाई गई, तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

वन विभाग की निष्क्रियता पर सवाल
वन माफियाओं की इन गतिविधियों पर वन विभाग की निष्क्रियता कई सवाल खड़े कर रही है। पेड़ों की कटाई के बाद भी अब तक विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन को हस्तक्षेप कर वन माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है। पर्यावरण प्रेमियों और स्थानीय लोगों ने वन विभाग और प्रशासन से इस मामले में सख्त कदम उठाने की मांग की है। उड़नदस्ता वाहन को तुरंत सुधार कर सक्रिय करना और गश्त बढ़ाना आवश्यक है, ताकि जंगलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। साथ ही, दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और उन पर कड़ी कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

इनका कहना है
लकड़ी कटाई का मामला कुछ पुराना है कुछ नया है। पूर्व में प्रकरण पंजीबद्ध किया था जिनकी जांच भी चल रही है। जब भी पेड़ों की कटाई सामान्यत: होती है तो प्रकरण पंजीबद्ध करके विभागीय कार्रवाई की जाती है।
– सत्येंद्र सिंह ठाकुर, रेंजर जिनवाणी रेंज।

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