जिले में सोयाबीन की नवीन किस्‍मों का किया प्रयोग, दल ने खेतों में जाकर नवीन किस्‍म

NRC-130 एवं NRC-142 का किया आंकलन

देवास:-भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान इंदौर द्वारा जिले में प्रदाय सोयाबीन की नवीन किस्मे NRC-130 एवं NRC-142 का आंकलन संस्थान के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. बी.यू. दूपारे, उप संचालक कृषि गोपेश पाठक ने ग्राम अगेरा एवं छोटीचुरलाय में किया। इस दौरान अनुविभागीय कृषि अधिकारी राजेन्द्र द्विवेदी, सहायक संचालक कृषि लोकेश गंगराडे, वरिष्‍ठ कृषि विकास अधिकारी टी. आर. परिहार, कृषि विकास अधिकारी बबीता पोरवाल ग्राम अगेरा एवं छोटीचुरलाय के कृषक उपस्थित थे।

ग्राम अगेरा (सोनकच्छ) के किसान राम सिंह पिता फूलसिंह द्वारा NRC-130 किस्म के बारे में बताया कि इस प्रजाति में अन्य प्रजातियों की तुलना में रोग प्रतिरोधकता एवं अधिक उत्पादन की क्षमता है एवं उनके खेत पर आसपास के अन्य किसानों द्वारा नई प्रजाति का अवलोकन किया जा रहा है। ग्राम छोटी चुरलाय के किसान धर्मेन्‍द्र राजपूत द्वारा NRC-142 प्रजाति की विशेषता के बारे में बताया कि इस किस्‍म में फल्लियां नीचे से लगाकर ऊपर तक रहती हैं एवं फल्लियां रोएंदार होने से कीट प्रतिरोधी किस्‍म है, जिसमें कीटनाशक का छिड़काव में कमी आने से सीधे-सीधे लागत कम हुई है। आसपास के क्षेत्र के किसानों द्वारा NRC-142 की प्रशंसा की जा रही है। उप संचालक कृषि ने कहा कि जिले के किसान सोयाबीन की नई प्रजातियों का समावेश कर सोयाबीन में अधिक उत्‍पादन एवं लाभ प्राप्‍त कर सकते है।

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