नप ने जीवित व्यक्ति का 21 साल पहले जारी कर दिया मृत्यु प्रमाण पत्र


-एसडीएम को पीड़ित ने दिया आवेदन, जांच की मांग

अनोखा तीर, सोहागपुर।
अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म जॉली एलएलबी की कहानी जैसा एक मामला सोहागपुर में सामने आया। जैसा की फिल्म में दर्शाया गया था कि एक जीवित व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिया गया। जिसके बाद वह अपनी पहचान प्राप्त करने के लिए दर-दर भटकता हुआ दिखाई दिया था। सोहागपुर में भी दो भाइयों के मृत्यु प्रमाण पत्र जीवित होने के बावजूद 21 साल पूर्व नगर परिषद कार्यालय सोहागपुर द्वारा जारी कर दिए गए। मामला तब उजागर हुआ जब पीड़ित अब्दुल हफीज वर्तमान निवासी भोपाल एसडीएम को शिकायत करने पहुंचे। उन्होंने बताया कि मेरा जन्म सोहागपुर के गौतम वार्ड में हुआ है और मैं यही निवास करता था। लगभग 25 वर्ष पूर्व रोजी-रोटी की तलाश में मैं भोपाल चला गया, तब से भोपाल में ही अपने बच्चों के साथ निवास कर रहा हूं। मुझे मेरे भतीजे असलम का फोन आया जो कि सोहागपुर में निवास करता है। उसने बताया कि नगर परिषद के कर्मचारी उनके घर आए थे और आपके बारे में पूछताछ कर रहे थे। उन्होंने बताया कि आपका मृत्यु प्रमाण पत्र बना हुआ है इसकी जांच कर रहे हैं। भतीजे के बताने पर उन्हें इस पूरे मामले की जानकारी प्राप्त हुई। जब उनके द्वारा पूरे मामले की जांच की गई तो पता चला कि उनके छोटे भाई जिनका 2019 में देहांत हुआ था उनका मृत्यु प्रमाण पत्र भी 2002 में जारी किया जा चुका था। गौर करने वाली बात यह है कि दोनों मृत्यु प्रमाण पत्र पर आवक  जावक नंबर भी अंकित नहीं है, तो यह प्रमाण पत्र किस अधिकारी द्वारा जारी किए गए थे। अब्दुल हफीज ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि उनके नाम पर कोई जमीन जायदाद भी नहीं है फिर किसने जीवित रहते उनका मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया और उनके भाई के देहांत से 16 वर्ष  पहले ही मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया गया था। जबकि उनकी मृत्यु 2019 में हुई है। उनके द्वारा बताया गया कि वह वर्तमान में भोपाल में निवास कर रहे हैं और वहां के आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड सहित अन्य दस्तावेज उनके पास उपलब्ध है। उनके द्वारा प्रति माह राशन भी लिया जा रहा है, जिसका उल्लेख राशन कार्ड में भी किया गया है। उनके द्वारा पिछले सभी विधानसभा, लोकसभा सहित अन्य निर्वाचन में मतदान भी किया गया है। पीड़ित व्यक्ति के भतीजे असलम खान ने जानकारी देते हुए बताया कि नगर परिषद के कर्मचारियों द्वारा जब पूछताछ करते हुए उनके घर पर आकर जानकारी दी गई कि उनके बड़े पिताजी का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया गया है, जिसकी जांच की जा रही है जब उन्हें पूरे मामले की जानकारी लगी। पीड़ित एवं उनके परिवार का कहना है कि मामले की उचित जांच की जाए और दोषियों को कठोर सजा हो
इनका कहना है…
हमें शिकायत प्राप्त हुई है कि 2002-०3 में दो लोगों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। संबंधित व्यक्ति द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र की छाया प्रति भी बताई गई है, परंतु मूल दस्तावेज नहीं है। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जांच के पश्चात जो भी दोषी पाए जाते हैं उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
-विजेंद्र रावत, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सोहागपुर।

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