-असिंचित कृषि भूमि को शहीद ईलाप सिंह सिंचाई योजना से जोड़ने की मांग
अनोखा तीर, हरदा। जिला मुख्यालय स्थित जिला पंचायत में प्रति मंगलवार को जन सुनवाई की जाती है। जिसमें समस्त विभागों के अधिकारी मौजूद रहते है। जन सुनवाई में कलेक्टर आदित्य सिंह द्वारा लोगों की समस्याएं सुनी जाती है और उनके निराकरण के लिए संबंधित विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया जाता है। जन सुनवाई में कई लोग अपनी अलग-अलग समस्याए लेकर पहुंचते है। इस बार की जन सुनवाई में छह गांव के किसान एक समस्या लेकर जन सुनवाई में पहुंचे और कलेक्टर आदित्य सिंह से निराकरण की गुहार लगाई। इन छह गांव बारंगी, बारंगा, हिवाला, मादंला, बोडगांव और बमन गांव के किसानों की समस्या यह है कि इनकी कृषि भूमि अभी तक असिंचित है और यह अपनी असिंचित कृषि भूमि को शहिद ईलाप सिंह सिंचाई योजना से जोड़ने की मांग कर रहे है। किसानों का कहना है कि वर्तमान में यह सभी गांव तवा नहर परियोजना के झांझरी माइनर के टेल क्षेत्र में आते हैं, जिसके कारण उन्हें सिंचाई के लिए कभी भी पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता। किसान विगत 12 वर्षों से नहर के पानी से वंचित हैं। कृषि भूमि की सिंचाई करने के लिए उन्हें बोरिंग कर जमीन से पानी निकालने के लिए मजबूर होना पड़ता है। नई सिंचाई योजना शहीद इलापसिंह सिंचाई योजना के तहत उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनकी कृषि भूमि असिंचित रह जाती है। साथ ही पिछले12 वर्षों से किसानों को तवा नहर परियोजना का लाभ नहीं मिल पाया है। किसानोंं को न तो तवा नहर योजना का फायदा मिल रहा है, और न ही नई योजना का। समस्या का समाधान न होने के कारण किसान पानी की कमी से जूझ रहे हैं। जिस कारण किसानों की कृषि प्रभावित हो रही है। किसानों की मांग है कि तवा नहर योजना से हटाकर उन्हें शहीद इलापसिंह सिंचाई योजना के तहत शामिल किया जाए, ताकि उनकी भूमि भी सो प्रतिशत सिंचित हो सकें। इस मामले में नहर विभाग से तुरंत सर्वे कर कार्यवाही करने की मांग की है।
रास्ता रोको आंदोलन की चेतावनी
किसानों ने अपनी मांग को गैर-राजनीतिक और जनहित में बताया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग पर सात दिनों के भीतर कोई कार्यवाही नहीं होती है, तो वे शांति पूर्वक अपने हक के लिए रास्ता रोको आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
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