नपा ने लीज समाप्ति के बाद श्याम मेडिकल और वाचनालय भवन किया ध्वस्त

विकास पवार बड़वाह – शहर में विकास कार्य करने और शहर को स्वच्छ सुंदर बनाने के लिए हमारी नगर पालिका परिषद द्वारा प्रशासन की मदद से हर संभव प्रयास किए जाएंगे । ताकि हमारी परिषद के कार्यकाल में शहर स्वच्छ और सुंदर दिखे ।उक्त बात नपा अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने शहर के बहुचर्चित मेन चौराहा स्थित शासकीय भवन में संचालित श्याम मेडिकल की लीज समाप्ति के बाद उक्त भवन को खाली कर तोड़ने की कार्यवाही के दौरान कही। उल्लेखनीय है कि शहर के मुख्य चौराहे स्थित विगत वर्षो पुराना नगर पालिका बड़वाह के स्वामित्व का शासकीय भवन है। जहा वर्तमान में वाचनालय,प्याऊ और श्याम मेडिकल एवम अग्रवाल मेडिकल संचालित हो रहा था ।हालाकी उक्त भवन वर्ष 1953 में स्थानीय नपा द्वारा 10 वर्षों के लिए बड़वाह निवासी स्वर्गीय बालकिशन डालुका को लीज पर दिया था ।जबकि सबंधित लीज धारक की मृत्य के उपरांत मृतक के वारिस पुरुषोत्तम डालूका और गोपाल कृष्ण पिता पुरणचंद डालुका को उक्त भवन सार्वजनिक प्याऊ,विश्राम ग्रह एवं वाचनालय के लिए लीज पर दी थी ।जिसके बाद इस भवन की लीज अवधि वर्ष 1963 में समाप्त हो चुकी थी।जिसके बाद संबंधित व्यक्ति द्वारा इस भवन की लीज का नवीनीकरण नही करवाया । उसके बाद से यह शासकीय भवन मानो कब्जे का शिकार होकर रह गया था ।ऐसा इसलिए क्योंकि इस लीज अवधि की समाप्ति के बाद नपा में कई सीएमओ और कई नपा अध्यक्षों का कार्यकाल रहा ।लेकिन उनके कार्यकाल में इस शासकीय भवन को खाली करवाने में किसी भी अधिकारी और नपा अध्यक्ष ने रुचि नहीं दिखाई । जो काफी विचारणीय था ।

नपा परिषद ने लीज और नामांतरण निरस्त करने का लिया था निर्णय —–

उल्लेखनीय है की सबंधित लीज धारक की मृत्य के उपरांत मृतक के वारिस पुरुषोत्तम डालूका और गोपाल कृष्ण पिता पुरणचंद डालुका द्वारा अपना नाम उक्त लीज पर अपंजीकृत वसीयत के आधार पर वर्ष 2008 व 2009 में बाले बाले नपा में नामांतरण कर अपना नाम वर्ष 2011 में दर्ज करवाया लिया था ।जिसके बाद नगर पालिका की वर्तमान नवीन परिषद ने अपनी साधारण बैठक में 12 अक्टूबर 2022 को अधिवक्ता से विधिक राय और परिषद ने आपसी विचार विमर्श कर लीज का नवीनीकरण नही करने और लीज की शर्तो का उलंघन करने के आधार पर लीज और नामांतरण को निरस्त करने हेतु प्रस्ताव पारित कर अनुशंसा की थी ।जिसके बाद अनुविभागीय अधिकारी ने अपने अभिमत में स्पष्ट किया था,की लीजकर्ता द्वारा लीज का नवीनीकरण नही करवाया गया ।जबकि लीज धारक ने लीज की शर्तो का उल्लंघन किया है ।वही उक्त भवन शासकीय होने से उसका नामांतरण भी नही किया जा सकता ।

कलेक्टर ने दिया शासकीय भवन खाली करवाने का आदेश —–

शहर के मुख्य चौराहे पर नगर पालिका का शासकीय भवन जिसमें वाचनालय और श्याम मेडिकल संचालित हो रही थी । जिसे खाली करवाने और भवन को डिस्मेंटल करने के लिए विगत कई सालों से यह कार्यवाही थम सी गई थी । इसके बाद शुक्रवार को इस शासकीय भवन को खाली करवाने के साथ ही तोड़ने की बढ़ी कार्रवाई की गई। गौरतलब है कि 8 अगस्त 2024 को जिला कलेक्टर कर्मवीर शर्मा के पत्र क्रमांक 557 के अनुसार मुख्य नगर पालिका अधिकारी बड़वाह को आदेश प्राप्त हुए थे,की नियम अनुसार कार्यवाही कर उक्त शासकीय भवन को अपने कब्जे में लेकर धारा 330 के तहत राज्य शासन को सूचित किया जाए ।जिसके आधार पर शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे तहसीलदार शिवराम कनासे,थाना प्रभारी बलराम राठौर और नपा सीएमओ कुलदीप किशूक अपने दल बल के साथ नपा के भवन को कब्जे में लेने की कार्यवाही करने के लिए सड़क पर उतरे ।जिन्होंने चौराहे स्थित श्याम मेडिकल के संबंधित व्यक्तियो को बुलाकर अपना समान बाहर निकालने के लिए कहा।जिसका परिजनों ने विरोध कर कुछ समय का टाइम मांगा । लेकिन शासन के आदेशों का पालन कर नपा सीएमओ श्री किशूक ने नपा कर्मियो से समाना बाहर निकलाने की कार्यवाही शुरू की । जिसके बाद भवन को जेसीबी से ध्वस्त कर कार्यवाही पूर्ण की गई ।हालाकी इस कार्यवाही के पूर्व कलेक्टर के आदेश अनुसार पूर्व में ही नपा द्वारा श्याम मेडिकल संचालक को दुकान खाली करने के लिए नोटीस जारी कर इस कार्यवाही से अवगत करवाया था ।किंतु मेडिकल संचालक ने इस नोटीस की अनदेखी कर दुकान चालू रखी,और भवन खाली नही किया ।जिसके बाद शुक्रवार को नपा के कर्मचारियों ने उक्त भवन का सामान बोरो में भरकर संबंधित दुकान संचालक के परिजनों के हवाले कर भवन तोड़ने की कार्यवाही की ।

शासकीय भवन लीज पर लेकर अन्य दुकान से वसूला किराया —-

इस मामले में सीएमओ श्री किशूक ने बताया की लीज धारक ने लीज का दुरुपयोग किया।उन्होंने जिन शर्तो पर भवन लिया उसका पालन नहीं किया।जबकि लीजधारक ने जमीन लेकर दूसरो को किराए पर दी ।वही परिषद ने शासन को लीज निरस्त करने के लिए पत्र भेजा था ।जिसके आधार पर सम्पूर्ण दस्तावेज के आधार पर जांच की गई थी ।जिसके बाद शासन ने अधिनियम 1961 की धारा 109 और 322 के अंतर्गत लीज और नामांतरण निरस्त किया।इसके पश्चात कलेक्टर के आदेश पत्र मिलने पर अनुविभागीय अधिकारी को दल गठित करने के लिए पत्र लिखा ।वही तहसीलादार को लॉयन ऑर्डर और पुलिस बल के लिए थाने पर पत्र भेजा था। जिसके बाद शुक्रवार को प्रशासनिक दल बल के साथ करोड़ो की शासकीय भूमि का कब्जा लिया गया ।उन्होंने बताया की लीजधारक द्वारा जो अन्य दुकान से किराया वसूल किया है उसके दस्तावेजों के आधार पर आगामी कार्यवाही कर राशि वसूल की जाएगी। जबकि चौराहे स्थित पेट्रोल पंप की लीज समाप्त होने के संबंध में सीएमओ ने कहा की अभी उसकी लीज खत्म नहीं हुई है ।लेकिन उसकी लीज समाप्त करने के लिए परिषद ने प्रस्ताव भेजा है।वही उसका केस माननीय न्यायालय के समक्ष इंदौर हाई कोर्ट में प्रचलित है ।

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