हरियाली अमावस्या : एक लाख श्रद्धालुओं ने किए ओंकारेश्वर महादेव के दर्शन

आज निकलेगी सावन तीसरे सोमवार की महासवारी, नौका विहार करेंगे ओंकारेश्वर-ममलेश्वर महादेव

खंडवा:-भगवान शिव की नगरी ओंकारेश्वर में सावन मास में लाखों की संख्या में श्रद्धालु भोलेबाबा के दर्शन करने पहुंच रहे है। रविवार को हरियाली अमावस्या पर एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने लंबी-लंबी कतारों में लग बरसते पानी में भगवान ओंकार जी के दर्शन किए। अमावस्या पर प्रात: 4 बजे मंगला आरती के बाद ही दर्शनों की लाइन लग गई थी। रात्रि में मंदिर के पट बन्द होने तक एक लाख से भी अधिक भक्त मंदिर में दर्शन कर चुके थे। हरियाली अमावस्या से महाराष्ट्र एवं गुजराती समाज का श्रावण भी शुरू हो जाता है जो भादव की अमावस्या तक चलेगा। रविवार को दिन भर रिमझिम बारिश होती रही।
सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। शीघ्र दर्शन के टिकिट बंद रहे। सामान्य लाइन से भक्तों ने दर्शन किए। वहीं हजारो भक्तों  ने ओंकार पर्वत की परिक्रमा कर प्राचीन मंदिरों के भी दर्शन किए।

आज निकलेगी श्रावण मास की तीसरी महासवारी

श्रावण मास की तीसरी महासवारी सोमवार को निकलेगी। ओंकारेश्वरजी का महाभिषेक कोटि तीर्थ घाट पर होगा।
वहीं ममलेश्वर भगवान का श्रृंगार होगा। तीसरे सोमवार को महावारी 2 बजे मंदिर से निकलकर कोटितीर्थ घाट पर पहुंचेगी। मां नर्मदा के तट कोटितीर्थ घाट पर महाभिषेक षोडशोपचार पूजा विद्वान पंडित द्वारा संपन्न कराई जाएगी। दक्षिण तट पर ममलेश्वर जी की पालकी गौ मुख घाट आएगी। अभिषेक के बाद दोनों पालकियों को नर्मदाजी में नोका बिहार कराया जाएगा। गौमुख घाट उतरकर दोनों पालकी नगर भ्रमण के लिए निकलेगी। सवारी काशी विश्वनाथ मंदिर बालवाड़ी, पुराने बस स्टैंड, मुख्य मार्ग से रात्रि 8 बजे जेपी चौक पहुंचेगी। पुराना पुल, मुख्य बाजार से रात्रि 10 बजे वापस मंदिर पहुंचेगी। मार्ग में दोनों ओर भक्तो द्वारा गुलाल वर्षा, पुष्प वर्षा के साथ कपूर आरती की जाएगी। ममलेश्वर जी का आकर्षक श्रंगार भी होगा।

भोलेनाथ की पालकी निकाली

रविवार को ओंकारेश्वर की बाल मंडली द्वारा भोलेनाथ की पालकी नगर में निकाली गई। राम मंदिर से प्रारंभ होकर पालकी चक्रवर्ती घाट, हैंगिंग ब्रिज से मुख्य मार्केट से राम मंदिर पहुंची। मार्ग में जगह-जगह भक्तों ने पालकी का स्वागत किया। बच्चों ने ही ढोल धमाके बजाएं।

नर्मदाजी का जल स्तर बढ़ा

रविवार हरियाली अमावस्या पर ओम्कारेश्वर में घाटो पर करीब दस फिट जलस्तर बढ़ गया था। ऊपरी क्षेत्रों में अधिक वर्षा के चलते सभी टरबाइन चलाकर बिजली उत्पादन करने से ओम्कारेश्वर में निचले स्तर खेड़ीघाट में भी जल स्तर बढ़ गया।

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