मुख्यमंत्री, मंत्री के बाद अब जिले में कौन मंत्री जिले का प्रभारी रहेगा इसकी लिस्ट भी दिल्ली से आ रही है- कांग्रेस

ANOKHATEER.COM-DEWAS अनुशासन की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी में गुटबाजी इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि अब प्रदेशों के सारे निर्णय दिल्ली में बैठे भाजपा के शीर्ष नेताओं को करना पड़ रहे हैं। पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री चयन को लेकर केंद्रीय पर्यवेक्षक दिल्ली से नाम लेकर आए और उन्होंने विधायक दल में मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा कर दी। फिर मुख्यमंत्री और भाजपा अध्यक्ष कई बार दिल्ली गए। मंत्रियों के नाम तय करने में बड़ा राय मशवरा करना पड़ा। प्रदेश के बड़े नेताओं से बात करने के बाद सूची हाई कमान को सौपी गई। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह ने नामों को देखने के बाद फाइनल सूची मुख्यमंत्री मोहन यादव को सौपी। उसके बाद मंत्रिमंडल का गठन हुआ। शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी व कार्यकारी अध्यक्ष प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने बताया कि जगजाहिर हो चुका है कि भारतीय जनता पार्टी में इस समय गुटबाजी चरम पर है। अब मुख्यमंत्री मोहन यादव अपनी सरकार बनने के आठ माह बीत जाने के बावजूद आज तक जिले के प्रभारी मंत्रियों की घोषणा नहीं कर पाए। लगता है सूची दिल्ली हाई कमान को भेजी गई है। जहां वरिष्ठ नेताओं के विचार विमर्श के बाद सूची फाइनल होगी, फिर जिले के प्रभारी मंत्री नियुक्त होंगे। प्रभारी मंत्री नियुक्त नहीं होने से जिले के अधिकांश विकास के कार्यों के साथ आम नागरिकों की समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है। कांग्रेस ने मांग की है कि आम नागरिकों के हक में शीघ्र ही प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति की जानी चाहिए।

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