29 करोड़ खर्च कर प्रदेश के 17 जिलो में बनेंगे 29 नगर वन

गणेश पांडे, भोपाल। भारत सरकार ने राज्य के 17 जिलों में 29 नगर वन बनाने के लिए 29 करोड़ 28 लाख की स्वीकृति दी है। यही नहीं, पहली किश्त के रूप में 20 करोड़ 50 लाख से अधिक की राशि भी जारी कर दी है। ये नगर वन राष्ट्रीय प्रतिपूरक बना रोपण निधि प्रबंधन एवं योजना के अंतर्गत बनाए जा रहे हैं। प्रदेश में नगर वन को मूर्त रूप देने की जिम्मेदारी ग्रीन इंडिया मिशन को दी गई है। दिलचस्प पहलू यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय कृषि कल्याण मंत्री शिवराज सिंह के गृह जिले सीहोर 50 50 हेक्टेयर के तीन नगर वन मनाया जाना प्रस्तावित है। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में बताया जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में नगर वन बनाने के पीछे मुख्य मकसद यही है कि वन और पर्यावरण के प्रति आम पब्लिक को जागरूक बनाना है। नगर वन में वॉकिंग व जॉगिंग ट्रैक बनाया जाएगा। योग के लिए स्थान उपलब्ध कराया जाएगा, जिस पर कारपेट ग्रास लगाई जाएगी। लोगों को पेड़, पौधों व वन्यप्राणियों के बारे में जानकारी देने के लिए व्याखानमाला बनाई जाएगी। यहां छोटा झरना व छोटे-छोटे सॉसर बनाए जाएंगे, जिसमें कमल व अन्य जलीय वनस्पति लगाई जाएंगी। वहीं बच्चों के लिए चिल्ड्रन पार्क भी होगा। वित्तीय वर्ष 2024-25 में इसे कंप्लीट किया जाना है। नगर वन के लिए स्थान का भी चयन कर लिया गया है। भारत सरकार द्वारा 29 नगर वन परियोजनाओं में से पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह के गृह जिले में 50-50 हेक्टेयर के तीन नगर वन बनाया जाना है। सीहोर वन मंडल के रिजर्व फॉरेस्ट के कंपार्टमेंट 634-635 में 50 हैक्टयर, प्रोटेक्शन फॉरेस्ट के कंपार्टमेंट 645 के बीट खटपुरा में 50 हैक्टयर और तीसरा नगर वन रिजर्व फॉरेस्ट के कंपार्टमेंट 26 के कोनझिर में भी हैक्टयर 50 हेक्टेयर क्षेत्र में नगर वन बनाए जाएंगे। तीनों नगर वन को बनाने के लिए 22 करोड रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से पहली किस्त के रूप में 4 करोड़ 20 लाख जारी कर दिए गए है। इसी प्रकार देवास और मंदसौर में भी तीन-तीन नगर वन बनाए जाएंगे। देवास के बागली में डेढ़ करोड़ की लागत से 40 हेक्टेयर में नगर वन बनाए जाएंगे। इसके अलावा सोनकक्ष में 2 करोड़ की लागत से 50 हेक्टयर के अलावा देवास के ग्रीन बेल्ट में 60 लाख खर्च कर 15 हेक्टेयर में नगर वन बनाया जाएगा। इसी प्रकार पहला नंबर वन 44 हेक्टेयर में बनेगा जिस पर एक करोड़ 76 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। दूसरा 6 हेक्टेयर में और तीसरा 4 हेक्टेयर में नगर वन बनाया जाना है।
मुख्यमंत्री के गृह जिले में दो नगर वन बनेंगे
मुख्यमंत्री मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन के लिए चार हेक्टेयर से भी कम क्षेत्र में नगर वन स्वीकृत किया गया। इसमें महिदपुर में 3.30 हेक्टयर और मकरोन में दो हेक्टेयर में नगर वन बनाया जाना प्रस्तावित है, जिस पर मात्र 22 लाख की स्वीकृति दी गई है। वर्तमान वन मंत्री नागर सिंह चौहान के गृह जिला अलीराजपुर और पूर्व वन मंत्री एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री विजय शाह के गृह जिले में एक भी नगर वन स्वीकृत नहीं किया गया है। जबकि राजधानी भोपाल के लाहरपुर में दो करोड़ की लागत से 50 हेक्टयर में नगर वन बनाया जाना प्रस्तावित है।
इन जिलों में भी बनेंगे नगर वन
बालाघाट -2
भिंड – 2
इंदौर – 2
शिवपुरी – 2
सागर – 2
सिवनी-1
बैतूल -1
पन्ना – 1
रतलाम -1
आगर -1

नगर वन के प्रमुख लक्ष्य
शहरी क्षेत्र में हरित स्थान और सौंदर्यपूर्ण वातावरण का निर्माण करना।
-पौधों और जैव विविधता के बारे में जागरूकता पैदा करना तथा पर्यावरण संरक्षण का विकास करना।
-क्षेत्र की महत्वपूर्ण वनस्पतियों के यथास्थान संरक्षण को सुविधाजनक बनाना।
-प्रदूषण शमन, स्वच्छ वायु उपलब्ध कराना, शोर में कमी, जल संचयन और शहरों के पर्यावरण सुधार में योगदान देना।
-शहर के निवासियों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान करना और शहरों को जलवायु के प्रति लचीला बनाने में सहायता करना।
इनका कहना है…
प्रदेश की बढ़ती आबादी और क्लाइमेट चेंज के असर को कम करने के लिए तैयार किए नगर वन शहरों के लिए ऑक्सीजन बैंक का काम करेंगे। इसमें ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन देने वाले पौधे रौंपे जाएंगे। पौधों और जैव विविधता के बारे में जागरूकता पैदा करना तथा पर्यावरण संरक्षण का विकास करने की मंशा से नगर वन बनाया जा रहा है।
-पुरुषोत्तम धीमान, एपीसीसीएफ ग्रीन इंडिया मिशन

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