अनोखा तीर, सिराली। समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी को लेकर जहां एक और किसान उत्साहित है और खरीदी प्रारंभ होने की बाट जोह रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर इस खरीदी पर बिचौलियों की नजर भी है। प्रतिवर्ष देखने में यह आता है कि बिचौलिए सांठ-गांठ कर अपना खराब मूंग रिश्वतखोरी कर तुलाते हैं। विगत वर्षों में मूंग खरीदी को लेकर कई मामले सामने आए किंतु आधिकारिक उदासीनता के कारण मामले रफा दफा हो जाते हैं और सरकार को करोड़ों का चुना लगता है। इस वर्ष क्षेत्र में मूंग खरीदी को लेकर बिचौलियों की सक्रियता काफी दिखाई दे रही है। मूंग की पैदावार निकलते से ही किसानों से कम दामों पर मूंग खरीदी की गई। साथ ही दाल एवं खराब मूंग भी बिचौलियों ने खरीद कर स्टाक कर रखा है। खरीदी प्रारंभ होते ही किसानों से पहले बिचौलिए अपना काम दिखाते हैं और पूरी खरीदी के दौरान प्रतिदिन बिचौलिए अपनी ट्रालियां जुगत लगाकर तुलाने में कामयाब हो जाते हैं। अब देखना यह है कि शासन इस बार बिचौलियों को कैसे रोक पाती है। इस वर्ष 8 क्विंटल प्रति हेक्टर के हिसाब से मूंग खरीदी होना है। इसी को ध्यान में रखते हुए बिचौलियों ने जिस जमीन पर मूंग की बुवाई नहीं की थी उस जमीन का खोटनामा लिखा कर रजिस्ट्रेशन करा रखा है और उसी के माध्यम से समर्थन मूल्य पर मूंग तुलाई की जाएगी। ऐसे में खोटनामें के रजिस्ट्रेशन की जांच की जानी चाहिए। वर्तमान में अभी तक मंडी में लगभग 15300 बोरे आवक मूंग की हुई है, जो व्यापारियों द्वारा खरीदा जा चुका है।
व्यापारियों द्वारा खरीदे मूंग और गोदाम की भी होना चाहिए जांच
कई बार चर्चा यह रहती है कि व्यापारियों का मूंग भी समर्थन मूल्य खरीदी में तुला जाता है। संबंधित विभाग को चाहिए कि व्यापारियों द्वारा खरीदा हुआ मूंग का सत्यापन भी किया जाना चाहिए और गोदानों की भी जांच होनी चाहिए। जिस व्यापारी ने जितना मूंग खरीदा है, उतनी मात्रा में गोदाम में माल है कि नहीं या अन्य व्यापारी को बेचा है तो उसकी एनओसी की जांच होनी चाहिए जिससे कि व्यापारियों का मंूग समर्थन मूल्य में ना तुल सके।
खोट नामें पर कर रखे हैं रजिस्ट्रेशन
बिचोलिया ने समर्थन मूल्य पर मूंग बिक्री के लिए अपने रजिस्ट्रेशन कर रखे हैं। खास बात यह है कि बिचोलिया द्वारा खोटनामें के आधार पर रजिस्ट्रेशन कराए गए हैं। क्षेत्र में जितने भी रजिस्ट्रेशन हुए हैं उनकी जांच की जानी चाहिए।
दाल तो दाल मिट्टी के भी दाम
मंडी से लेकर गांव-गांव खरीदी में दाल तो भारी मात्रा में खरीदी जा रही है, किंतु कहीं बिचौलिए मूंग के बराबर की मिट्टी भी खरीद रहे हैं। सूत्रों के अनुसार गांव गांव जाकर बिचौलिए मूंग एवं दाल की खरीदी कर रहे हैं और कई जगह देखने में आया है कि मूंग के बराबर की मिट्टी भी खरीदी जा रही है, जो कि समर्थन मूल्य की मंूग खरीदी में मूंग में मिलाकर बेची जाती है। विगत वर्ष ऐसा ही चना खरीदी के दौरान लाल मुरूम मिलने का मामला सामने आया था और मिट्टी युक्त मूंग की खरीदी भी भारी मात्रा में की गई थी। जांच के दौरान मिट्टीयुक्त मूंग भी सामने आया था, जिस पर मामला कायम किया गया था किंतु बाद में कार्यवाही के नाम पर जांच चलती रही।
इनका कहना है…
प्रशासन द्वारा कृषि विभाग और राजस्व के साथ मिलकर गांव-गांव किसानों के पंजीयन कितने एकड़ हेक्टेयर रकबे का है। व्यापारियों के द्वारा खरीदी फसल के बाद में कितनी उपज बचती है यह जांच की जा रही है। जिससे किसानों की फसल समर्थन मूल्य पर खरीदी जा सके और बिचौलियों पर रोक लगे।
संजय यादव, डीडीए कृषि विभाग
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