इंदौर में छात्रा अंजलि की खुदकुशी मामले में आया नया मोड़, अपनी फ्रेंड्स को भेजती थी ऊंचाई से लिए फोटो
इंदौर में सातवीं की छात्रा अंजलि यामयार ने 18 जून को अपोलो डीबी सिटी की 14वीं मंजिल से कूदकर जान दे दी थी। उसके भाई ने इस मामले में बताया है कि अंजलि को ऑनलाइन गेम की लत लगी थी। पुलिस ने उसके बयान पर शक है, क्योंकि पहले उसने माता-पिता के बीच विवाद से अंजलि के मायूस होने की बात कही थी।
अनोखा तीर इंदौर:-इंदौर में पिछले दिनों 13 वर्षीय छात्रा अंजलि यामयार ने बिल्डिंग से कूदकर खुदकुशी कर ली थी। अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस को जांच में पता चला है कि वो अपनी फ्रेंड्स को बालकनी और बिल्डिंग में ऊंचाई से लिए गए फोटो भेजती थी।
भाई आदित्य का दावा है कि अंजलि को ऑनलाइन गेम की लत लग चुकी थी। पुलिस को भाई के बयान पर शक है। आदित्य ने पहले कहा था कि अंजलि मम्मी-पापा के बीच हुए विवाद से परेशान थी। सातवीं में पढ़ने वाली अंजलि यामयार ने 18 जून को अपोलो डीबी सिटी में 14वीं मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
पुलिस को सुसाइड नोट तो नहीं मिला लेकिन अंजलि का टेबलेट (गैजेट) हाथ लगा जो लॉक था। पुलिस ने माता-पिता से बात की तो कहा कि अंजलि आत्महत्या नहीं कर सकती। अवश्य उसके साथ कुछ घटा है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और घटनाक्रम के बारे में समझाया तो मान गए कि अंजलि ने जान दी है।
सात दिन में दो बार बदले बयान
एडिशनल डीसीपी जोन-2 अमरेंद्रसिंह ने आदित्य से चर्चा की तो कहा कि पापा-मम्मी में कहासुनी होती रहती थी। अंजलि इस कारण भी काफी परेशान थी। पुलिस ने परिवार का अंदरूनी मामला बता कर आगे की जांच रोक ली।
अफसर दोबारा पहुंचे तो आदित्य ने कहा कि अंजलि रो ब्लॉक्स ऑनलाइन गेम खेलती थी। सहेलियों को ऊंचाई के फोटो भेजती थी। उसका इशारा गेम की शर्तों के मुताबिक टास्क पूरा करने की तरफ था। डीसीपी जोन-2 अभिनव विश्वकर्मा के मुताबिक टेबलेट लॉक है। जब तक गेम और चैटिंग नहीं मिलती, नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता।
सात दिन बाद भी टेबलेट अनलॉक नहीं कर सके साईबर विशेषज्ञ
अभी तक अंजलि का आईपैड अनलॉक नहीं हुआ है। जिस वक्त उसने सुसाइड किया, उस वक्त आईपैड हाथ में नहीं था। ऐसे में निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता। साईबर एक्सपर्ट को आईपीडीआर निकालने के लिए कहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि अंजलि ने कितनी बार गेम खेला है।