मजदूर की जगह जेसीबी से कराया जा रहा तलाई निर्माण, जेसीबी से तालाब निर्माण पर विभाग ने की कार्रवाई

 

जंगल क्षेत्र में पंचायत द्वारा अवैध रूप जेसीबी से तालाब निर्माण कार्य किया जा रहा थ वन विभाग ने जेसीबी जब्त कर चिरिया रेंजर ऑफिस में पहुंचाई है। वन विभाग ओर राजस्व के जिम्मेदारों को उनकी सीमा की भली भांति जानकारी होती है। उनकी सीमा में जेसीबी मशीन द्वारा तलाई निर्माण के चलते ही वन विभाग द्वारा जेसीबी को जब्त किया गया है। अगर निर्माण कार्य करने वाले नियम अनुसार काम कर रहे होते तो उन्हे दिन में करना था। रात में क्यों। निर्माण की अनुमति की जांचकर जनपद और वन विभाग द्वारा जिस पर उचित कार्रवाई की जाना चाहिए। हालाकि जिले के अफसर मान रहे है कि फारेस्ट में खुदाई हुई है,मामले में सीमांकन को लेकर पेंच फसा हुआ है जिसका निपटारा राजस्व ओर वन विभाग की टीम की जांच के बाद होगा लेकिन जेसीबी को बाहर निकालने के लिये बिचौली सक्रिय हो चुके है।

 

मनीष मडाहर, खरगोन- जिले में मनरेगा के कार्यों में खुलेआम जेसीबी मशीन का उपयोग हा रहा है। मशीनों से निर्माण कार्य होने के कारण अब ग्रामीणों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण ग्रामीण पलायन करने विवश हो रहे हैं। झिरन्या जनपद के ग्राम पंचायत खारवा में मजदूरों की जगह जेसीबी मशीन से खुलेआम तलाई निर्माण कार्य कराया जा रहा है जिससे ग्रामीण महिला एवं मजदूर रोजगार की समस्या से जूझ रहे हैं। पंचायत में रोजगार गारंटी योजना के तहत काम की कमी से गरीब ग्रामीण पहले से परेशान हैं और अब पंचायत तलाई निर्माण में मजदूरों का हक छीन कर मशीनों के जरिए काम करा रही है जिससे ग्रामीण मजदूरों के सामने काम की समस्या आ गई है। मनरेगा योजनाओं में गरीब-मजदूरों को सौ दिन तक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जॉब कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है। मजदूरों की जगह जेसीबी मशीन से काम होने पर किसके बैंक खाते में मजदूरी के पैसे भेजे जा रहे हैं। बैंक से किस तरह से योजना राशि की निकासी हो रही है यह जांच का विषय है।

जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत खारवा में सरपंच की उपस्थिति में जेसीबी से तलाई निर्माण किया जा रहा था।  तलाई निर्माण कार्य में गांव के  मजदूरों को दरकिनार कर उनकी जगह मशीन का उपयोग किया जा था वन विभाग के अमले ने रात को जेसीबी को जब्त कर चिरिया रेंज ऑफिस पर वन विभाग के सुरक्षाकर्मियों की अभिरक्षा में है। अगर निर्माण कार्य करने वाले नियम अनुसार काम कर रहे होते तो उन्हे दिन में करना था। रात में क्यों। बताया गया सरपंच-सचिव इस काम को ठेके पर दे दिया है जबकि यह कार्य मनरेगा योजना के तहत स्वीकृत है लिहाजा मजदूरों का उपयोग किया जाना चाहिए था पर नहीं किया जा रहा है।  इनके कार्य को देखने के लिए ना तो  सब इंजीनियर मौके पर रहता है और ना ही वह खुद।  सरपंच- सचिव पिछले कई सालों से ठेकेदार को काम दे रहे हैं और यह स्थानीय मजदूर को दरकिनार कर बाहरी मजदूर लाकर काम रहा रहे है।

 

ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा रोजगार

मनरेगा के तहत कराए जाने वाले निर्माण कार्यों में मशीनों का उपयोग करने से ग्रामीणों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण ग्रामीण रोजगार की तलाश में महानगरों की ओर पलायन कर रहे हैं। एक तो आदिवासी अंचल होने की वजह से रोजगार की कमी रहती है। बावजूद इसके पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर मशीनों से निर्माण कार्य करवाए जा रहे हैं।

 

पंचायत प्रतिनिधियों पर नहीं होती कार्रवाई

पंचायतों में मशीनों से कार्य होने की शिकायत किए जाने के बाद भी पंचायत प्रतिनिधियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। दरअसल, पंचायत के मामले में शिकायत के आधार पर अधिकारी जांच करने के लिए मौके पर जाते तो जरुर है, लेकिन सरपंच से सांठ-गांठ कर उन्हें क्लीन चीट दे देते हैं, जिसकी वजह से सरपंचों के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं।

 

साइन बोर्ड नहीं लगाए

पंचायत स्तर में हो रहे निर्माण कार्यस्थल पर निर्माण एजेंसी की तरफ से साइन बोर्ड लगवाना चाहिए किंतु कार्यस्थल पर साइन बोर्ड नहीं लगाए जाने से ग्रामीण कामों से अनभिज्ञ हैं। वरिष्ठ अधिकारियों को मामले से अवगत कराया जा रहा है।

 

कागजों में पूरी होती योजना

लोगों ने बताया कि पंचायत के जिम्मेदार लोग इस काम को जेसीबी मशीनों से करा लेंगे। उसके बाद कागजों में इसे मजदूरों से कराया जाना दिखा देंगे। जबकि मनरेेगा योजना का मुख्य उद्देश्य ही गांव के मजदूरों को काम देना है। लोगों ने बताया कि मजदूरों के मस्टर पंचायत के लोग कागजों में भर लेेते हैं और उनके नाम से पैसा निकाल लेते हैं।

 

रविवार सरकारी छुटटी होने के कारण तहसीलदार और नायाब तहसीलदार ने मोबाईल नही उठाया ओर रेन्जर चिरीया का मोबाईल बंद होने से संपर्क नही हो पाया।

 

इनका कहना है

हमने कोई कार्यवाही नही की है हमे कोई जानकारी नही है

बी.एस कलेश, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, भीकनगांव

मैं तो मौके पर गया नहीं रेंजर, डिप्टी नाकेदार गए थे खारवा सीमा पर है सीमांकन करके सोमवार तक रिपोर्ट भेजेगे । राजस्व की टीम ओर वन विभाग की जांच के बाद स्प्ष्ट होगा उचित कार्यवाही की जाएगी,अभी जेसीबी मशीन वही हैं

दिनेश वास्केल, एसडीओ, वन विभाग भीकनगांव

खारवा पंचायत में जेसीबी से तलाई निर्माण का मामला मेरे संज्ञान में है रेंजर जांच करके बताएँगे कि एग्जिट क्या है अभी मेरे पास जांच रिपोर्ट नहीं आई है। जहाँ तक जानकारी मिली है फारेस्ट में भी खुदाई हुई है जांच करके देख रहे है।जांच में अगर वन क्षेत्र में पाया जाता हैं तो जेसीबी मशीन नही छोड़ी जाएगी।

प्रशांत सिंह, वन अधिकारी, वन विभाग जिला खरगोन

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