भोपाल

छिंदवाड़ा में असंतुष्ट भाजपाइयों को साधेगा संगठन

छिंदवाड़ा की आदिवासी विधानसभा सीट अमरवाड़ा में लंबे समय से भाजपा काम कर रही है और यहां आदिवासी नेताओं को हर चुनाव में टिकट की आस रहती है। बीते 3 चुनाव से कई आदिवासी नेता निराश हो रहे हैं। इसमें युवा भाजपा नेता उत्तम ठाकुर भी शामिल है।

अनोखा तीर भोपाल:-लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कमजोर करने की रणनीति के तहत आए या लाए गए कांग्रेस नेताओं को अब भाजपा संतुलन बनाकर पार्टी में समायोजन का काम कर रही है। इसी रणनीति के तहत कांग्रेस विधायक कमलेश शाह के भाजपा में शामिल होने बाद रिक्त हुई छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर उप चुनाव हो रहा है।

पार्टी ने यहां से पूर्व विधायक कमलेश शाह को ही प्रत्याशी बनाया है। इससे यहां भाजपा को मजबूत करने में अपना जीवन खपा देने वाले पुराने भाजपाई नाराज चल रहे हैं। हालांकि यह नाराजगी खुलकर सामने नहीं आई है, लेकिन पार्टी को आशंका है कि पुराने भाजपाइयों की नाराजगी से उप चुनाव में भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है। पार्टी संगठन अब ऐसे असंतुष्ट नेताओं को मनाएगी।

पार्टी संगठन वरिष्ठ नेताओं को छिंदवाड़ा की जिम्मेदारी सौंपेगा, जिन्होंने पांच माह पहले हुए विधानसभा चुनाव और हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में अपने कुशल मार्गदर्शन और सूझबूझ के बल पर पार्टी में असंतोष और बगावत नहीं होने दी। ऐसे वरिष्ठ भाजपा नेता छिंदवाड़ा में डेरा डालेंगे और वहां के स्थानीय नेताओं को समझाइश देंगे।

आदिवासी नेता को टिकट की आस

छिंदवाड़ा जिले की आदिवासी विधानसभा सीट अमरवाड़ा क्षेत्र में लंबे समय से भाजपा का काम कर रहे आदिवासी नेताओं को पार्टी से प्रत्येक चुनाव में आस रहती है कि इस बार तो उन्हें टिकट मिलेगा, लेकिन पिछले 3 चुनाव ऐसे नेताओं को निराश ही होना पड़ा है। इनमें युवा भाजपा नेता उत्तम ठाकुर भी शामिल है। उन्होंने 5 माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में भी पार्टी में टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन उनकी जगह मनमोहन शाह बट्टी की पुत्री मोनिका बट्टी को टिकट दे दिया गया, हालांकि वे यहां से हार गई उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश शाह ने हराया था, जो अब भाजपा के टिकट पर यहां से उप चुनाव लड़ रहे हैं।

कार्तिकेय बुधनी में बहा रहे पसीना

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सांसद और केंद्रीय मंत्री बनने के बाद रिक्त हुई बुधनी विधानसभा सीट पर भी उप चुनाव होना है। हालांकि चुनाव आयोग ने यहां उप चुनाव की घोषणा नहीं की है, लेकिन पार्टी इसी सीट के लिए अभी से प्रत्याशी की तलाश कर रही है। वहीं शिवराज के पुत्र कार्तिकेय सिंह चौहान अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं और बुधनी विधानसभा सीट पर जमकर पसीना बहा रहे हैं।

वे अक्सर बुधनी विधानसभा क्षेत्र में जनता के बीच पाए जाते हैं और अपने पिता की तरह ही जनता की दिल से मदद भी करते हैं। यह बात अलग है कि भाजपा वंशवाद की विरोधी हैं, लेकिन जीत के समीकरणों पर कार्तिकेय फिट बैठे तो शायद पार्टी नेतृत्व उनके नाम पर विचार कर सकती है। बता दें कि अभी शिवराज सिंह चौहान ने बुधनी विधानसभा सीट के विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है।

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