अनोखा तीर, हरदा। क्रांति सूर्य बिरसा मुंडा के बलिदान दिवस पर अजाक्स जिला कार्यालय में संगठन के सदस्य पदाधिकारियों द्वारा बिसरा मुंडा के छाया चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। अजाक्स की जिलाध्यक्ष श्रीमती सीमा निराला द्वारा अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय इतिहास में बिरसा मुंडा एक ऐसे नायक थे, जिन्होंने भारत के झारखंड में अपने क्रांतिकारी चिंतन से उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में आदिवासी समाज की दशा और दिशा बदलकर नवीन सामाजिक और राजनीतिक युग का सूत्रपात किया। बिरसा मुंडा की गणना महान देशभक्तों में की जाती है। अजाक्स के पूर्व जिलाध्यक्ष रमेश मसकोले ने कहा कि 15 नवंबर 1875 को ग्राम उलिहातु, रांची जिला, बंगाल प्रेसिडेंसी के आदिवासी दम्पति सुगना और करमी के घर जन्मे बिरसा मुंडा ने साहस की स्याही से पुरुषार्थ के पृष्ठों पर शौर्य की शब्दावली रची। बिरसा मुंडा सही मायने में पराक्रम और सामाजिक जागरण के धरातल पर उदाहरण थे। कार्यकारी जिलाध्यक्ष नरेंद्र शाह ने कहा कि नई पीढ़ी को उनके बताए मार्ग पर चलकर समाज को नई दिशा देनी चाहिए। महिला प्रकोष्ठ की जिला अध्यक्ष श्रीमती कृष्णा ठाकुर एवं महाचिव श्रीमती ज्योति परते ने बिरसा मुंडा के जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बिरसा मुंडा ने अंग्रेजो के काले कानूनों को चुनौती देकर बर्बर ब्रिटिश साम्राज्य की जड़े हिला दी। ब्रिटिश हुकूमत ने इसे खतरे का संकेत समझकर बिरसा मुंडा को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया। वहां अंग्रेजों ने उन्हें धीमा जहर दिया था। जिस कारण वे 9 जून 1900 को शहीद हो गए। अजाक्स जिला उपाध्यक्ष डा. प्रेमनारायण ईवने ने उपस्थित सभी सभी लोगों का आभार जताया व बिरसा मुंडा के चलाए गए मिशन से शिक्षा लेने की बात कही। इस अवसर पर पंचम उइके, बबिता जोठे, राहुल नागराज, सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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