वनो की अवैध कटाई संरक्षण किसका – वन विकास निगम या वन विभाग

चकल्दी व लाड़कुई मे बर्बादी की कगार पर वन विकास निगम के जंगल, वन विभाग कार्यवाही तो करता लेकिन नहीं पकड़े जाते वनों के भक्षक

अनोखा तीर भैरुंदा (नसरुल्लागंज)।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के क्षेत्र बुधनी में इस समय वनों की अवैध कटाई का मुद्दा जोरो पर है। जिस तरह से बन माफिया हरे भरे जंगलों को साफ कर खेती में तब्दील करते जा रहे हैं। उससे पर्यावरण अभियान को झटका लग रहा है। एक तरफ तो सरकार ने पर्यावरण संरक्षण सहित पुराने जल स्रोतों को रिचार्ज करने के लिए अभियान चलाया है। दूसरी ओर अवैध वन कटाई ने सरकार के अभियान पर पलीता लगा दिया है। वनों की कटाई के मामले में दोषी कौन है इस बात का पता लगाना भी मुश्किल है। क्षेत्र में वन विभाग और वन विकास निगम दोनों ही कार्यरत है। वनों की कटाई का सिलसिला क्षेत्र में बदस्तूर जारी है। लेकिन दोनों ही विभाग कटाई को लेकर यह कहते हुए देखे जाते हैं कि हमारे परिक्षेत्र में अवैध कटाई नहीं होती। जबकि वन विभाग के द्वारा प्रतिदिन अवैध लड़कियों का परिवहन करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने का सिलसिला जारी है। ऐसे में इस बात में कोई संदेह नहीं की वनों की कटाई तो कम होने की वजाय लगातार बड़ी है। यह तो स्पष्ट है कि बीते 15 से 20 वर्षों में वनों की कटाई, जंगल परिक्षेत्र के रकबे मे कमी, खेती के रकबे में वृद्धि जैसे हालात निर्मित हुए हैं। इन वर्षों में वनों का विनाश रोकने के प्रयास नहीं हुए जिसका नतीजा यह है कि साल दर साल तापमान में वृद्धि देखने को मिल रही है।
निगम क्षेत्र के लोह पठार के जंगलों से रात के अंधेरे में आती है बेशकीमती सागौन जानकारी के मुताबिक इस समय वन विकास निगम क्षेत्र के लोह पठार के जंगलों से रात के अंधेरे में बेशकीमती सागौन का परिवहन किया जाता है। जो महादेव बेदरा, चतरकोटा,होते हुए पहुंचाई जाती है। लगभग 15 वर्ष पूर्व वन विकास निगम का गठन होने के बाद उपवन परिक्षेत्र चकल्दी के अंतर्गत आने वाली चतरकोटा कोठरा,आमझिरी बीट वनविकास निगम में चली गयी थी। वन विभाग और वन विकास निगम तो अलग-अलग विभाग होने के कारण लकड़ी चोरों के हौसले और अधिक बुलंद हो गए। दोनों ही विभागों के कर्मचारी अलग होने से वह केवल अपनी बीट पर ही ध्यान देने लगे। जिसका नतीजा यह हुआ कि यहां पर जंगल नहीं बल्कि अब खाली मैदान दिखाई दे रहा है। सूत्र यह भी बताते हैं कि वन विकास निगम की बीट में कार्यरत नाकेदार जो इसी क्षेत्र में निवास करता है उसकी मिली भगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
सोशल मीडिया का उपयोग, ग्रुप पर देते हैं एक दूसरे को जानकारी विज्ञान के इस युग में सोशल मीडिया का उपयोग वन माफिया करने में भी नहीं चूक रहे। माफियाओ के द्वारा सोशल मीडिया पर अपना एक ग्रुप तैयार कर रखा है। इस दौरान वन विभाग की जो भी कार्यवाही होती है या होने वाली रहती है उसकी जानकारी ग्रुप के माध्यम से पहले ही पहुंच जाती है। जिससे बन माफिया सतर्क हो जाते हैं और कार्रवाई से पहले ही मौके से गायब हो जाते हैं। माफियाओ को इसकी जानकारी वकायदा विभाग के कर्मचारी ही उपलब्ध कराते हैं। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि इस मामले में रेहटी वन परिक्षेत्र के नातेदारों की संलिप्त भी बनी हुई है। अवैध परिवहन के लिए अति संवेदनशील क्षेत्र
चकल्दी वन परिक्षेत्र पूर्व से ही इमारती लकड़ियों के अवैध परिवहन के लिए अति संवेदनशील क्षेत्र है उसके बावजूद भी यहां पर स्टाफ का अभाव बना हुआ है। यहां वर्तमान में केवल तीन स्टाफ मौजूद है जिम दो डिप्टी रेंजर बनिया गांव एवं चकल्दी बीट में तथा एक नाकेदार मौजूद है। बरसों से यहां चौकीदार की पद स्थापना भी नहीं हुई। नतीजा यह है कि वन माफिया अन्य बीट के कर्मचारियों से मिली भगत कर आसानी के साथ वनों का दोहन कर रहे हैं।
वन भूमि में अवैध उत्खनन, कारण बताओं नोटिस भी शोपीस वन परिक्षेत्र लाड़कुई अंतर्गत सबरेंज नयापुरा की बीट सनकोटा सिराड़ी के मध्य वन क्षेत्र में अवैध उत्खनन की शिकायत ग्रामीणों किए जाने के बाद एसडीओ बुधनी सुकृति औसवाल ने जांच के आदेश रेंजर प्रकाश चंद्र उइके को दिए गए थे। इस दौरान शरद रंजन ब्रजधर कार्यवाहक वनपाल परिक्षेत्र सहायक नयापुरा,राहुलदेव सुमन वनरक्षक वीटगार्ड सनकोटा,अमरसिंह रावत वनरक्षक वीटगार्ड सिराडी को 11/05/2024 को कारण बताओ नोटिस जारी हुए थे। लेकिन इस मामले में भी कोई कार्यवाही नहीं हो सकी।
जिम्मेदारी से मुंह मोड़ने वालों पर मेहरबानी क्यों
वनों की विनाश का मुद्दा इस समय महत्वपूर्ण हो गया है। ऐसे में वनों का संरक्षण करने वाले जिन जिम्मेदारों के द्वारा आंखों पर पट्टी बांधकर मुंह मोड़ लिया जाता है उन पर विभाग मेहरबानी क्यों करता है। वन विकास निगम के वन क्षेत्र भिलाई, मोगराखेड़ा, सिराली, सिंहपुर मे लगातार वनो की कटाई व अवैध रूप से वन भूमि पर कब्जे के कई मामले देखे जा रहे है। इसके बावजूद भी कार्यवाही को लेकर सिर्फ दिखावा ही नजर आ रहा है।

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