बिजली कंपनी ने शुरू की डोर-टू-डोर बिजली बिल भरने की सुविधा, चार लाख उपभोक्ताओं को मिला फायदा

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अनोखा तीर इंदौर:-बिजली उपभोक्ताओं की मदद के लिए मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने डोर-टू-डोर बिजली बिल भुगतान की सुविधा शुरू की है। विशेषकर बुजुर्ग उपभोक्ताओं से उनके घर पहुंचकर डोर टू डोर एजेंट द्वारा बिजली बिल भुगतान प्राप्त किया जा रहा है। बिजली कंपनी के ये एजेंट इसकी ई-श्रेणी की रसीद भी तुरंत दे रहे हैं। प्रदेश के विद्युत नियामक आयोग के निर्देश पर कंपनी ने यह सुविधा शुरू की है।

मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि विद्युत उपभोक्ता के अधिकार एवं मप्र विद्युत नियामक आयोग के अनुसार डोर टू डोर बिजली बिल भुगतान सेवा में कंपनी क्षेत्र में एजेंट बनाए गए हैं।

इंदौर-उज्जैन संभाग में चार हजार से ज्यादा एजेंट क्रियाशील हैं। ये कार्मिक बिजली वितरण केंद्र से जुड़े उपभोक्ताओं के यहां बिल जारी होने के चार-पांच दिन बाद व अंतिम तिथि के करीब पहुंचते हैं।

उपभोक्ताओं से राशि प्राप्त करते हैं। तुरंत राशि प्राप्ति का मोबाइल से संदेश भी दे देते हैं। कंपनी के अनुसार इस सुविधा से कंपनी क्षेत्र में करीब चार लाख उपभोक्ताओं को फायदा मिल रहा है। इनमें से ज्यादातर बुजुर्ग श्रेणी के उपभोक्ता हैं। इसमें घर बैठे बगैर अतिरिक्त राशि के बिल भुगतान की सुविधा मिल रही है। इस तरह के सभी एजेंटों के पास आइडी भी होता है।

 इंदौर जिले में करीब 500 क्रियाशील एजेंट हैं। अन्य जिले उज्जैन, मंदसौर, देवास, शाजापुर, आगर, आलीराजपुर, झाबुआ, नीमच, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, धार, बड़वानी, रतलाम जिले में भी 150 से लेकर 500 एजेंट सक्रियता के साथ बिल राशि जमा करा रहे हैं।

प्रिंटेड बिल शुरू करें

इस बीच दो साल से बिजली कंपनी ने प्रिंटेट बिल देना बंद कर दिया है। तमाम उपभोक्ताओं ने मांग की है कि प्रिंटेड बिल दिया जाना चाहिए। मांग करने वाले भी ज्यादातर बुजुर्ग उपभोक्ता हैं। उपभोक्ताओं की शिकायत है कि अभी उन्हें बिल प्रिंट करवाने के लिए 10 रुपये अलग से खर्च करने पड़ रहे हैं। बिजली कंपनी वाट्सएप पर बिल भेज रही है। ग्रामीण और बुजुर्ग उपभोक्ता इससे परेशान हैं।

इंदौर जिले में करीब 500 क्रियाशील एजेंट हैं। अन्य जिले उज्जैन, मंदसौर, देवास, शाजापुर, आगर, आलीराजपुर, झाबुआ, नीमच, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, धार, बड़वानी, रतलाम जिले में भी 150 से लेकर 500 एजेंट सक्रियता के साथ बिल राशि जमा करा रहे हैं।

प्रिंटेड बिल शुरू करें

इस बीच दो साल से बिजली कंपनी ने प्रिंटेट बिल देना बंद कर दिया है। तमाम उपभोक्ताओं ने मांग की है कि प्रिंटेड बिल दिया जाना चाहिए। मांग करने वाले भी ज्यादातर बुजुर्ग उपभोक्ता हैं। उपभोक्ताओं की शिकायत है कि अभी उन्हें बिल प्रिंट करवाने के लिए 10 रुपये अलग से खर्च करने पड़ रहे हैं। बिजली कंपनी वाट्सएप पर बिल भेज रही है। ग्रामीण और बुजुर्ग उपभोक्ता इससे परेशान हैं।

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