22 साल बाद एसडीओ-रेंजर पर निलंबन की कार्रवाई

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गणेश पांडे, भोपाल। मैहर सीमेंट औद्यौगिक संस्था द्वारा 70 एकड़ जमीन कब्जा किए जाने के मामले में 22 साल बाद वन मंत्रालय कुंभकर्णी निद्रा से अब जागा। शुक्रवार को एक आदेश जारी मौजूदा एसडीओ यशपाल मेहरा और रेंजर सतीश चंद्र मिश्रा को निलंबित कर दिया है। आदेश के मजमून के अनुसार तो इस मामले में पूर्व में 2002 से अब तक पदस्थ रहे सभी डीएफओ-एसडीओ और रेंजर के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। गौरतलब पहलू यह है कि इस अजीबो-गरीब निलंबन आदेश पर विभाग के मुखिया और अब आईएफएस एसोसिएशन चुप है। निलंबन आदेश में उल्लेख है कि मैहर के अंतर्गत मैहर सीमेंट औद्यौगिक संस्था हेतु 193.1867 हेक्टेयर वन भूमि वर्ष 1975 में 99 वर्ष की अवधि के लिए मप्र शासन द्वारा औद्यौगिक संस्था को स्वीकृत की गई है। संस्था द्वारा स्वीकृत भूखण्ड सीमा से बाहर वनभूमि के वन कक्ष पी-555 में रकबा 27.9 हेक्टेयर अर्थात लगभग 70 एकड़ में संस्था द्वारा कॉलोनी, कॉलेज, आवासीय कॉलोनी, हॉस्पीटल, बाजार आदि का निर्माण कर वन भूमि अतिक्रमण किया है। शासन ने यह भी माना है कि प्रकरण में 24 फरवरी 2024 को वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। जबकि अतिक्रमण कर अवैध निर्माण वर्ष 2002 से किया जाना प्रतिवेदित हुआ है। इस अतिक्रमण के संबंध में जिले में पदस्थ अधिकारियों द्वारा तत्समय किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है। निलंबन आदेश में यह भी कहा गया है कि अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण एवं वन अपराधों की रोकथाम के संबंध में त्वरित कार्यवाही नहीं कर शासन निर्देशों की अवहेलना की गई। शासन ने माना कि अफसरों ने अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करना, मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम, 1965 के नियम-3 में निहित नियमों का उल्लंघन है। जबकि सच्चाई यह है कि डीएफओ-एसडीओ सतना ने मैहर सीमेंट औद्यौगिक संस्था के खिलाफ अतिक्रमण का अपराध दर्ज कर शासन से कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। 3 महीने तक राज्य शासन पत्र को दबाए बैठा रहा और आप जाकर एसडीओ रेंजर के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की।

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