अनोखा तीर, हरदा। ग्रीष्मकालीन मूंग का कटाई कार्य जोर पकड़ने लगा है। हालांकि, ग्रामीण अंचलों में मजदूरों की मदद से मूंग की कटाई का कार्य करीब एक पखवाड़े से जारी है। जिसका असर कृषि उपज मंडी में देखने को मिल रहा है। गेहूॅ-चना समेत अन्य जीन्स की आवक के बीच यहां नई मूंग की भी आवक बढ़ी है। जिसके चलते मंडी में बंपर आवक बनी हुई है। जिसमें मूंग की ट्रालियों की संख्या में निरंतर बढोत्तरी के चलते किसानों की फजीहत हो रही है। जिसका मुख्य कारण मंडी के सभी शेडों के अलावा पूरा परिसर टे्रक्टर-ट्रालियों से खचाखच भरा है। इन सबके कई किसानों की ट्रालियां भाव से छूट रही है। जबकि, कई ट्रालियां मंडी में भीड़ के कारण वापस लौटने को विवश हैं। जिसके चलते किसानों को आर्थिक चोट लग रही है। किसान अनुराग शर्मा ने बताया कि सोमवार को थ्रेसर से निकाली मूंग को मंडी लेकर पहुंचे थे। लेकिन यहां ट्राली खड़ी करने की जगह तक नही मिली और ना कि किसान पर्ची बनने की गुंजाइश नजर आई। ऐसे में वापस लौटना बेहतर समझा। उन्होंनें बताया कि ट्रेक्टर-ट्राली का भाड़ा एवं भरने व खाली करने की मजदूरी को मिलाकर कुल 12 सौ रूपये का नुकसान हुआ है। इधर, मंडी में मूंग का भाव टूटने के कारण किसान समर्थन मूल्य पर विक्रय करने का मन बनाने लगे हैं। क्योंकि, वर्तमान भाव के लिहाज से किसानों को एक ट्राली पर ९ हजार से 24 हजार रूपये की चपत लगना तय है।
उधर, मूंग का भाव टूटा
मंडी में बंपर आवक के बीच अचानक मूंग का भाव टूटने से किसानों में निराशा है। बावजूद, आवश्यकता के आगे विवश किसान मूंग बेचने के लिए पहुंच रहे हैं। जानकारी के अनुसार पिछले सप्ताह तक थे्रसर का मूंग साढ़े 8 हजार रूपये तक बिक रहा था। वहीं हार्वेस्टर की मूंग साढ़े 7 हजार रूपये तक बिक चुका है। इसी बीच मई के आखिरी सप्ताह में थे्रसर का मूंग जहां 76-77 सौ रूपये तथा हार्वेस्टर का साफ-सुथरा मूंग 72 सौ रूपये तक सिमटकर रह गया है। ऐसे में 3०० से 8०० रूपये क्विंटल तक भाव टूटा है।
Views Today: 2
Total Views: 106