विश्व कल्याण की कामना को लेकर छोड़ी आहुति

 

अनोखा तीर, हरदा। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में ग्रहे-ग्रहे गायत्री यज्ञ की अवधारणा को लेकर बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर ग्राम खिड़कीवाला में गायत्री शक्तिपीठ हरदा के मुख्य न्यासी ऋषि पारे के मार्गदर्शन में पंच कुंडीय यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत गायत्री शक्तिपीठ हरदा से बहन श्रीमती कुसुम गौर, श्रीमती किरण गौर, श्रीमती सरिता मालवीय के द्वारा यज्ञ संपन्न कराया गया। गायत्री परिवार के संतोष मालवीय द्वारा परम पूज्य गुरुदेव के जीवन के विभिन्न पहलुओं विचार व्यक्त करते हुए बताया कि गायत्री महामंत्र वेदों का सर्वश्रेष्ठ मंत्र है, जिसे आत्मसात कर हम अपने जीवन में आध्यात्मिक आत्मिक, सामाजिक, उन्नति करते हुए विश्व कल्याण की भावना का विकास कर अपने घरों को शांतिकुंज हरिद्वार बनाएं। इस अवसर पर वसुदेव कुटुंबकम की भावना को प्राणीमात्र के प्रति सहयोग समन्वय एवं आपसी तालमेल का संकल्प दोहराया गया। परिवार के ग्यारसराम गौर ने पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के 18 संकल्पो का जिक्र करते हुए नशा न करने का संकल्प दिलाया। उन्होंने बताया कि नशा जीवन का अंत है अत: जीवन में सभी प्रकार के नशे से बचना चाहिए। प्रकृति का सौंदर्य बनाए रखने के लिए अपने जीवन में दो पौधों रोपित कर पेड़ का स्वरूप प्रदान किया जाना चाहिए। इस अवसर पर गायत्री शक्तिपीठ हरदा के पूर्व मुख्य न्यासी सियाराम गौर, चंद्रशेखर टिकरिया, प्रभुदयाल गौर, भगवान सिंहसोलंकी, महेंद्रसिंह चौहान, कमलसिंह, श्रीमती शकुन मालवीय, सुरेश कुमार, हरिओम पिंकी मालवीय, शुभम रोशनी मालवीय, राजपाल शकुंतला मालवीय, गोकुल प्रसाद आशा मालवीय, शंकरलाल रमा मालवीय, गोकुल आशा मालवीय, धनराज शिवकुमारी मालवी, लखनलाल विमला मालवी, सहित सैकड़ो की संख्या में परिजनों के द्वारा आहुतियां छोड़कर विश्व कल्याण की कामना की।

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